बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की ब्राह्मणों पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। मांझी ने इस बयान को लेकर माफी मांग ली है, लेकिन उनके गृह जिले गया में सोमवार को पंडा समाज के लोग सड़क पर उतरे और पूर्व मुख्यमंत्री का पुतला फूंका। इधर, पटना में भी मांझी के बयान को लेकर आक्रोशित लोगों ने पुतला जलाया।
मांझी के बयान के विरोध में गया के पंडा समाज ने सोमवार को प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर प्रांगण से चांदचौरा मोड़ तक विरोध मार्च निकाला और पूर्व मुख्यमंत्री मांझी का पुतला जलाया। इस दौरान मार्च मंे शामिल लेागों ने जमकर नारेबाजी की।
मांझी की ब्राह्मणों पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उनके खिलाफ आक्रोश अब बढ़ता जा रहा है।
पुतला दहन कार्यक्रम में शामिल पंडा समाज के मणिलाल बारिक ने कहा कि मांझी ने अपने बयान से ना सिर्फ ब्राह्मणों का अपमान किया है, बल्कि संपूर्ण सनातन धर्म को गाली दी है। उन्होंने कहा कि मांझी गया जिले से आते हैं। ऐसे ऐतिहासिक और धार्मिक जिले से आने वाले व्यक्ति को यह बयान कहीं से शोभा नहीं देता।
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के बयान का पंडा समाज पुरजोर विरोध करता है। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि मांझी के मरणोपरांत उनके श्राद्ध से अन्य किसी कार्यक्रम में गया का पंडा समाज शामिल नहीं होगा। यही नहीं पिंडदान में भी पंडा समाज भगीदारी नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि किसी भी समाज के लिए ऐसे बयान सही नहीं हैं।
इधर, पटना के कारगिल चौक पर भी मांझी के बयान से आक्रोशित लोगों ने पूर्व मुख्यमंत्री का पुतला जलाया और उनके विरोध में जमकर नारेबाजी की।
उल्लेखनीय है कि मांझी शनिवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए ब्राह्मणों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर विवाद उत्पन्न होने के बाद उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उन्होंने अपने समाज के लोगों के लिए ऐसा बोला था।
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Source : IANS