कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को लोकसभा की मंजूरी

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिह की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव के पारित होने के बाद, सुमित्रा महाजन ने कहा कि हालांकि यह पारित हो गया है और स्वीकृत किया जा चुका है, फिर भी वह एक 'विशेष मामले' में इसपर बहस की इजाजत दे रही हैं.

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Deepak Kumar
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कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को लोकसभा की मंजूरी

कश्मीर में राष्ट्रपति शासन

लोकसभा में हंगामे के बीच शुक्रवार को जम्मू एवं कश्मीर में राष्ट्रपति शासन की घोषणा को मंजूरी देने वाला सांविधिक संकल्प पारित हो गया. विपक्षी पार्टियों ने इसका विरोध किया और इसे 'असंवैधानिक' बताया. केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिह की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव के पारित होने के बाद, सुमित्रा महाजन ने कहा कि हालांकि यह पारित हो गया है और स्वीकृत किया जा चुका है, फिर भी वह एक 'विशेष मामले' में इसपर बहस की इजाजत दे रही हैं.

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चर्चा की शुरुआत करते हुए, कांग्रेस नेता शशि थरूर ने प्रस्ताव का विरोध किया और कहा कि राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने का मौका दिए बगैर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया.

उन्होंने कहा, 'यह इस सच्चाई के बावजूद किया गया कि कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस सरकार बनाने के लिए एकजुट हुए थे. राज्यपाल ने सदन में क्यों नहीं विश्वास मत हासिल करने का मौका दिया. राज्यपाल की कवायद अनुचित थी और उनका कदम असंवैधानिक था.'

उन्होंने सरकार से यह भी जानना चाहा कि क्या सरकार ने एस.आर. बोम्मई मामले में सर्वोच्च न्यायालय के इस संबंध में जरूरी लिखित कारण बताने के आदेश का पालन किया. इसके साथ ही उन्होंने सरकार से संसद के साथ राष्ट्रपति शासन लगाने की वजहों को साझा करने के लिए कहा.

तृणमूल कांग्रेस के सौगत रे ने भी राज्य में राष्ट्रपति शासन का विरोध किया. उन्होंने इसे मनमाना और असंवैधानिक करार दिया और राज्य में तत्काल चुनाव कराने की मांग की.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकपा) की सुप्रिया सुले ने कहा कि सरकार को राष्ट्रपति शासन लगाने की वजहों के बारे में बताना चाहिए और कहा कि राष्ट्रपति शासन की जरूरत क्या थी, जब पंचायत चुनाव में मतदान का प्रतिशत अच्छा रहा था और इसके बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद ही वर्णन किया था.

उन्होंने कहा, 'यह गोली का समय नहीं है, यह चुनाव का समय है.'

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) के मोहम्मद सलीम ने राज्य में एक लोकप्रिय सरकार की मांग की और जम्मू एवं कश्मीर के संदर्भ में सरकार पर उसकी 'बीमार सोच और गुमराह करने वाली नीति' पर निशाना साधा.

चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्य में राजनीतिक स्थिति के बारे में बताया, जिस वजह से राष्ट्रपति शासन लगाया गया.

Source : IANS

President rule Jammu and Kashmir Lok Sabha Governor Rule
      
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