हिंदू, मुस्लिम और ईसाई मित्र मंच ने फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर देश में सांप्रदायिकता फैलाने का आरोप लगाते हुए शनिवार को इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की।
फोरम के अशफाक कुमाताकर ने कहा कि फिल्म द कश्मीर फाइल्स के जरिए हिंदुओं को अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। इस देश के प्रत्येक नागरिक को जाति, पंथ और धर्म की भावनाओं में सामंजस्य बनाकर रहना है।
कुमाताकर ने कहा कि द कश्मीर फाइल्स छोटे बच्चों में नफरत फैला रही है। सरकार को इसके बजाय दिवंगत सुपरस्टार पुनीत राजकुमार अभिनीत फिल्म जेम्स को टैक्स में छूट देनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि यह अभिनेता की परोपकारी गतिविधि की पहचान होती।
फोरम ने आग्रह किया कि राष्ट्रपति को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और द कश्मीर फाइल्स पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
इस बीच, कांग्रेस विधायक प्रियांक खड़गे ने कहा, जो कुछ भी है, द कश्मीर फाइल्स सिर्फ एक विचार है, निर्देशक की एक धारणा है। मैंने फिल्म नहीं देखी है। कश्मीर की घटना हालांकि झूठी नहीं है।
उन्होंने कहा, मैं नहीं कहता कि कश्मीर की घटनाएं झूठी हैं। लेकिन, फिल्म किसी की कल्पना पर आधारित है। गोधरा हत्याकांड पर कोई सिनेमा क्यों नहीं है? उस पर भी फिल्म बननी चाहिए। मगर चिंता यह है कि देश में कोई सांप्रदायिक हिंसा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब सांप्रदायिक हिंसा हुई थी, उस समय सरकारों को कार्रवाई करनी चाहिए थी। इस बात पर भी चर्चा होनी चाहिए कि उस समय कौन सत्ता में था, जब कश्मीर से पलायन हुआ था। अगर फिल्म कन्नड़ भाषा में डब की जा रही है, तो होने दें। अंत में, यह सिर्फ एक सिनेमा है और लोग इसे एक फिल्म की तरह ही देखेंगे।
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Source : IANS