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आमतौर पर केंद्र सरकार के पक्ष में बोलने वाले केरल के राज्यपाल ने की कृषि कानूनों की निंदा

सरकार का समर्थन करने वाले लोग भी इन कानूनों की खिलाफत कर रहे हैं. इसी कड़ी में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केंद्र की ओर से पारित विवादित कृषि कानूनों की शुक्रवार को निंदा की.

Updated on: 09 Jan 2021, 11:18 AM

तिरुवंतपुरम:

केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का आंदोलन करीब डेढ़ महीने से जारी है. इन कानूनों का विरोध ना सिर्फ किसान कर रहा है, बल्कि उनके साथ में तमाम विपक्षी दल खड़े होकर सरकार को घेर रहे हैं. हमेशा सरकार का समर्थन करने वाले कुछ लोग भी इन कानूनों की खिलाफत कर रहे हैं. इसी कड़ी में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केंद्र की ओर से पारित विवादित कृषि कानूनों की शुक्रवार को निंदा की.

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केरल विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में अपने अभिभाषण में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इन नए कानूनों से नियंत्रित बाजारों का महत्व कम होगा और कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचेगा. लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) सरकार के नीति संबोधन के दौरान खान ने केंद्र की नीतियों और जांच एजेंसियों की आलोचना वाले हिस्सों को भी पढ़ा. उन्होंने राज्य सरकार की योजनाओं के खिलाफ विभिन्न आरोपों की जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों पर भी हमला बोला और कहा कि उन्होंने संविधान में तय सीमा पार कर दी है.

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गौरतलब है कि केरल की राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान आमतौर पर केंद्र सरकार के पक्षधर रहे हैं. वह केंद्र सरकार का खुलेआम समर्थन करने में नहीं हिचकते. मगर राज्य सरकार की नीतियों का उल्लेख करते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने अपने भाषण में कहा कि इस तरह की स्थिति में सहयोगात्मक संघवाद अपना आशय खो देगा और महज नाम का ही रह जाएगा. साथ ही आपको यह भी बता दें कि इन कृषि कानूनों के खिलाफ केरल विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर इन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की थी.