नीति आयोग (Photo Credit: IANS )
नई दिल्ली:
ब्रिटेन और अन्य जगहों पर नए स्वरूप का कोरोनावायरस पाए जाने के बाद नीति आयोग ने मंगलवार को कहा कि इससे भारत के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी. के. पॉल ने कहा कि कोरोना के इस म्यूटेशन से मामलों की गंभीरता और मृत्युदर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. देश में बन रही वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि वैक्सीन की क्षमता पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
उन्होंने कहा कि कोरोना के नए स्वरूप को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है. इससे दहशत में आने की भी कोई जरूरत नहीं है. हमें सिर्फ सतर्क रहने की जरूरत है. पॉल ने कहा कि म्यूटेशन से बीमारी और गंभीर नहीं हुई है और इसका मृत्युदर पर असर नहीं हुआ है. म्यूटेशन से वायरस के एक से दूसरे व्यक्ति के शरीर में पहुंचने की आशंका बढ़ गई है. ऐसा भी कहा जा रहा है कि यह 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है.
The new strain of COVID19 in the United Kingdom has increased transmissibility. This mutation is not affecting the severity of the disease. Case fatality is not affected by this mutation: Dr VK Paul, Member (Health), NITI Aayog pic.twitter.com/xs6pzuXTFU
— ANI (@ANI) December 22, 2020
ब्रिटेन में मिले कोरोनावायरस के नए रूप से पूरी दुनिया के लोगों में दहशत है. कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन को पहले से ज्यादा घातक बताया जा रहा है, जिसे लेकर भारत में भी चिंता बढ़ गई है. इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने ब्रिटेन में सामने आए कोरोनावायरस के इस नए रूप को देखते हुए मानक संचालन प्रक्रिया (एसपीओ) जारी किया है.
इसके तहत 25 से आठ दिसंबर के बीच ब्रिटेन से भारत आने वाले यात्रियों के कोरोना संक्रमित होने पर इन्हें राज्य सरकार के आइसोलेशन सेंटर में रखा जाएगा. साथ ही नमूनों को जांच के लिए एनआईवी पुणे भेजा जाएगा. इतना ही नहीं, अगर संक्रमित व्यक्ति में साधारण कोरोना वायरस पाया जाता है, तो उसे होम आइसोलेशन में भी रखा जा सकता है. एसओपी के अनुसार, अगर व्यक्ति में कोरोना का नया रूप पाया जाता है तो उसे 14 दिन सरकारी आइसोलेशन में बिताने होंगे, जहां एक बार फिर उसकी कोरोना जांच की जाएगी.