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DefExpo 2022 का आयोजन स्वदेशी कंपनियों के लिए बड़ा मौका: राजनाथ सिंह

DefExpo 2022 : भारत में पहली बार भारतीय कंपनियों के लिए डिफेंस एक्सपो का आयोजन हो रहा है. खास बात ये है कि इस डिफेंस एक्सपो में जिन विदेशी कंपनियों की भागीदारी है भी, वो भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग पर आधारित है.

Updated on: 18 Oct 2022, 08:38 AM

highlights

  • गांधीनगर में डिफेंस एक्सपो का आयोजन
  • सिर्फ भारतीय कंपनियां ही ले रही हैं हिस्सा
  • राजनाथ सिंह बोले-ये हाईब्रिड वॉर का जमाना

गांधीनगर/नई दिल्ली:

DefExpo 2022 : भारत में पहली बार भारतीय कंपनियों के लिए डिफेंस एक्सपो का आयोजन हो रहा है. खास बात ये है कि इस डिफेंस एक्सपो में जिन विदेशी कंपनियों की भागीदारी है भी, वो भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग पर आधारित है. यहां पर लगा हरेक स्टाल भारतीय कंपनियों की तरक्की दिखा रहा है, जिसमें भारतीय रक्षा कंपनियां अपने रक्षा उत्पादों को पेश कर रही हैं. देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे बड़ा मौका बताया है. बता दें कि गुजरात की राजधानी गांधीनगर में डेफएक्सपो 2022 का आयोजन हो रहा है, जो भारतीय रक्षा कंपनियों की भागीदारी तक सीमित है.

डिफेंस एक्सपो में होंगे कई महत्वपूर्ण समझौते

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि डिफेंस एक्सपो के दौरान 47 नए रक्षा उत्पादों की लॉन्चिंग होगी. इसमें हथियारों से लेकर प्रौद्योगिकी तक को डिस्प्ले किया जाएगा. खास बात ये है कि इस डिफेंस एक्सपो में हजारों करोड़ रुपयों के करीब 350 समझौते भी होंगे. इनमें से कई समझौते कंपनियों की आपसी साझेदारी को लेकर होगी, तो कई समझौतों में उत्पादों की खरीदी की जाएगी. यही नहीं, टेक्नोलॉटी ट्रांसफर से जुड़े टीओटी भी होंगे. ये डिफेंस एक्सपो 5 दिन तक चलने वाला है. जिसमें से आखिरी के दो दिन आम जनता को भी इस एक्सपो में एंट्री दी जाएगी. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि ये डिफेंस एक्सपो आत्मनिर्भर भारत के अभियान को तेजी से बढ़ाने का एक प्रयास है.

ये हाईब्रिड वॉर का जमाना

इससे पहले दिन में राजनाथ सिंह ने नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में हिस्सा लिया. नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि अब लड़ाई का जमाना बदल गया. अब स्थितियां बेहद अलग हैं. हाईब्रिड वॉर का टाइम आ चुका है. इंसानों से ज्यादा हथियारों और मशीनों का बोलबाला है. ऐसे में खतरा बढ़ा भी है. लेकिन हम तैयार हैं. उन्होंने कहा कि भारत अब रक्षा जरूरतों से जुड़े मामलों में तेजी से कदम आगे बढ़ा रहा है. हमने 100 से ज्यादा सामानों की खरीदी पर ही बैन लगा दी है. और अब उनका उत्पादन देश में ही किया जा रहा है.