सेना प्रमुख का कार्यभार संभालने के बाद जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरूवार को पहली बार जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा का दौरा किया, जिस दौरान उन्होंने सैनिकों से मुलाकात की और परिचालन संबंधी तैयारियों की समीक्षा की. उन्होंने सेना के जवानों से हर चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहने के लिए कहा. अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने यहां राजभवन में उपराज्यपाल जी सी मुर्मू से भी मुलाकात की और आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के प्रभावी प्रबंधन, विशेष रूप से घुसपैठ के प्रयासों और वर्तमान में चल रहे आतंकवाद विरोधी अभियानों से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की.
जनरल नरवणे ने एक जनवरी को सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला और नवगठित केंद्रशासित प्रदेश के दो दिवसीय दौरे पर बुधवार शाम यहां पहुंचे. एक रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि नियंत्रण रेखा के दौरे के दौरान सेना प्रमुख के साथ उत्तरी कमान के जनरल-ऑफिसर-कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह भी थे. प्रवक्ता ने बताया कि नरवणे को व्हाइट नाइट कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल हर्ष गुप्ता और कुछ कमांडरों ने जानकारी दी.
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उन्होंने बताया कि सेना प्रमुख ने सैनिकों के साथ बातचीत की. उन्होंने सैनिकों की उनके कर्तव्यों के प्रति अटूट समर्पण और उच्च स्तर की उनकी दक्षता की सराहना की. दिन में इससे पहले, सेना प्रमुख ने उधमपुर में उत्तरी कमान के मुख्यालय का दौरा किया जहां उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल रणवीर सिंह ने नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी.
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प्रवक्ता ने कहा कि जनरल नरवणे ने दुश्मन द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तरी कमान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की. राजभवन के एक प्रवक्ता ने कहा कि सेना प्रमुख से मुलाकात के दौरान मुर्मू ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सेना, अन्य सुरक्षा बलों और प्रशासन के बीच तालमेल की सराहना की. उपराज्यपाल ने क्षेत्रीय अखंडता और जम्मू-कश्मीर की आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने में सेना की भूमिका की सराहना की.