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दिशा की गिरफ्तारी पर थरूर का तंज, 'एक्टिविस्ट जेल में, टेररिस्ट बेल पर'

थरूर ने अपमानजनक जम्मू-कश्मीर डीएसपी दविंदर सिंह की एक तस्वीर साझा की, जो जमानत पर बाहर हैं. उन्होंने कहा, एक्टिविस्ट जेल में बंद है, जबकि टेररिस्ट (आतंकवादी) जमानत पर है.

Updated on: 15 Feb 2021, 07:40 AM

नई दिल्ली:

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने किसानों के विरोध प्रदर्शनों से संबंधित 'टूलकिट' को साझा करने में कथित भागीदारी के आरोप में बेंगलुरु की 21 वर्षीय कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. थरूर ने अपमानजनक जम्मू-कश्मीर डीएसपी दविंदर सिंह की एक तस्वीर साझा की, जो जमानत पर बाहर हैं. उन्होंने कहा, एक्टिविस्ट जेल में बंद है, जबकि टेररिस्ट (आतंकवादी) जमानत पर है. आश्चर्य है कि हमारे अधिकारी पुलवामा हमले की सालगिरह को कैसे मनाएंगे? आपके पास इस हेडलाइन के पेयर का जवाब है? साथ ही थरूर ने जलवायु कार्यकर्ता की गिरफ्तारी की खबर साझा की.

दिशा रवि 'फ्राइडे फॉर फ्यूचर' अभियान के संस्थापकों में से एक हैं और उन्होंने कथित रूप से 'टूलकिट' को संपादित किया और इसे सोशल मीडिया पर आगे बढ़ाया. दिशा को शनिवार को बेंगलुरु के सोलादेवनहल्ली इलाके में उसके घर से गिरफ्तार किया गया. आपको बता दें कि कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्वीट कर लिखा- जेल में बंद आरोपी आतंकवादी जमानत पर हैं, आश्चर्य है कि हमारे अधिकारी पुलवामा हमलों की वर्षगांठ पर इस मामले को कैसे याद करेंगे? इस जोड़ी की सुर्खियों में आपका जवाब है.

14 फरवरी 2019 को पुलवामा हमले का आरोपी है दविंदर सिंह
आपको बता दें कि 14 फरवरी के दिन ही जम्मू-कश्मीर में हुए पुलवामा हमला हुआ था. जिसमें साजिश के दौर पर दविंदर सिंह का नाम समाने आया था. जिसे पुलिस में गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि वह शशि थरुर के अनुसार वह अभी जमानत पर है. बता दें कि 26 जनवरी को दिल्ली में हुए उपद्रव के दौरान एक व्यक्ति की मौत को लेकर गलत जानकारी देने वाले कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर यूपी और दूसरे राज्यों में दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग पर कोर्ट ने नोटिस जारी किया था.

26 जनवरी को भी थरूर ने किया था गलत ट्वीट जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा था, जिन लोगों को राहत दी उन्होंने 26 जनवरी को ट्रैक्टर पलटने से मरे एक प्रदर्शनकारी को पुलिस की गोली लगने से मरा बताते हुए ट्वीट किया था. उपद्रव और तनाव के माहौल में बिना पुष्टि किए गलत जानकारी लोगों तक पहुंचाने को हिंसा भड़काने की कोशिश की तरह देखते हुए इन लोगों के खिलाफ यूपी, दिल्ली, मध्य प्रदेश और कुछ दूसरे राज्यों में एफआईआर दर्ज हुई है.