तेलंगाना हाईकोर्ट ने दलित बंधु योजना पर चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाएं की खारिज

तेलंगाना हाईकोर्ट ने दलित बंधु योजना पर चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाएं की खारिज

तेलंगाना हाईकोर्ट ने दलित बंधु योजना पर चुनाव आयोग के आदेश को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाएं की खारिज

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IANS
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Tgana HC

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

तेलंगाना उच्च न्यायालय ने गुरुवार को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) के आदेश को निलंबित करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया। याचिका में हुजूराबाद विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक दलित बंधु योजना के कार्यान्वयन को स्थगित करने वाले की मांग की गई थी।

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इस मामले में तीन जनहित याचिकाओं (पीआईएल) से निपटते हुए, अदालत ने चुनाव आयोग के आदेश में इस आधार पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया कि चुनाव आयोग के पास स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए संवैधानिक शक्तियां हैं।

अदालत ने सोमवार को मामले में अपना आदेश सुरक्षित रखा था और गुरुवार को भी यही आदेश सुनाया।

मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति ए. राजशेखर रेड्डी की पीठ ने पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता मल्लेपल्ली लक्ष्मैया, कांग्रेस नेता बुक्का जुडसन और एनजीओ वॉच वॉयस द्वारा दायर जनहित याचिकाओं को खारिज कर दिया।

हुजूराबाद में 30 अक्टूबर को उपचुनाव होने हैं।

18 अक्टूबर को, चुनाव आयोग ने तेलंगाना सरकार को उपचुनावों के पूरा होने तक योजना के कार्यान्वयन को स्थगित करने का निर्देश दिया था।

यह योजना अगस्त में हुजूराबाद में पायलट आधार पर शुरू की गई थी।

राज्य सरकार ने दलितों के सशक्तिकरण के उद्देश्य से योजना के कार्यान्वयन के लिए 2,000 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

इस योजना के तहत प्रत्येक दलित परिवार को कोई भी व्यवसाय या स्वरोजगार शुरू करने के लिए अनुदान के रूप में 10 लाख रुपये मिलेंगे।

हालांकि, याचिकाकर्ताओं ने चुनाव आयोग के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी कि यह योजना चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले शुरू की गई थी।

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दलों के कथित कहने पर चुनाव आयोग ने योजना को अचानक रोक दिया।

याचिकाकर्ताओं में से एक के वकील ने अदालत को बताया था कि चुनाव आयोग का फैसला दलितों, खासकर बेरोजगार युवाओं के लिए एक असभ्य और गंभीर झटका है।

हालांकि, चुनाव आयोग के स्थायी वकील ने अदालत को सूचित किया था कि योजना का कार्यान्वयन केवल हुजूराबाद निर्वाचन क्षेत्र में रोका गया था, अन्य में नहीं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
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