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मसूद अजहर जिसे छुड़ाने के लिए आतंकियों ने विमान को कर लिया था हाईजैक

मसूद अज़हर (masood azhar) नामक पाकिस्तानी पंजाबी नेता ने मार्च 2000 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन की नींव रखी

Updated on: 02 May 2019, 06:33 AM

नई दिल्ली:

भारत के अथक प्रयासों के बाद आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया है. चीन के बार-बार वीटो कर देने की वजह से भारत को इसमें अब तक असफलता ही मिलती रही थी लेकिन आज मोदी सरकार को इस फैसले से बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है. पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल पर हुआ हमला पहली ऐसी आतंकी घटना नहीं थी जिसके सरहद पार पाकिस्तान में बैठे मसूद अजहर ने अंजाम दिया हो. इससे पहले भी कई बार मसूद अजहर अपने नापाक मंसूबों की बदौलत भारत को लहू लुहान करता रहा है.

कैसे भारत के कब्जे से छूटा था मसूद अजहर

मसूद अज़हर (masood azhar) ने  मार्च 2000 में जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी संगठन की नींव रखी. इससे पहले मसूद अजहर को भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधि को अंजाम देने के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया था. उस वक्त मसूद अजहर भारत में ही रहता था और उसका जन्म भी पंजाब में ही हुआ था. मसूद अजहर की गिरफ्तारी के बाद उसे छुड़ाने के लिए उसी के संगठन के आतंकवादियों ने 1999 में काठमांडू (नेपाल) से दिल्ली आ रहे इंडियन एयरलाइंस के विमान आईसी 814 का हाईजैक कर लिया और उसे पाकिस्तान और दुबई के रास्ते अफगानिस्तान के कंधार लेकर चले गए. बता दें कि भारतीय विमान में उस वक्त 180 लोग सवार थे और विमान को अगवा करने के थोड़ी देर बाद ही भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक यात्री रूपन कात्याल की आतंकियों ने हत्या कर दी. 25 साल के रूपन कात्याल की हत्या के बाद करीब रात दो बजे विमान दुबई पहुंचा क्योंकि विमान का ईँधन खत्म हो रहा था.

ईँधन देने की शर्त पर आतंकियों से कुछ यात्रियों को छोड़े जाने का समझौता हुआ जिसके बाद 27 यात्रियों को आतंकियों ने वहीं रिहा कर दिया. इनमें से ज्यादतर महिलाएं और बच्चे शामिल थे. विमान में सवाल एक महिला रोगी सिमोन बरार को पेट का कैंसर था और उसे इलाज के लिए आतंकियों ने सिर्फ 90 मिनट के लिए विमान से बाहर जाने दिया था.

8 दिनों तक आतंकियों से बातचीत और काफी जद्दोजहद के बाद इन यात्रियों को बचाने के लिए भारत सरकार को मसूद अजहर को कंधार ले जाकर छोड़ना पड़ा था. हालांकि इसके लिए मौजूदा सरकार की कुछ लोगों ने आलोचना भी की थी.

पुलवामा हमले में मसूद अजहर का नाम आने के बाद कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाए थे कि इन्हीं की सरकार मसूद अजहर को इज्जत के साथ कंधार छोड़कर आई थी.

भारत के चंगुल से छूटने के बाद कई आतंकी हमलों को दिया अंजाम

भारत की गिरफ्त से छूटने के बाद मौलाना मसूद अजहर ने पाकिस्तान में रहकर भारत के खिलाफ कई बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया और वहीं बैठकर इसकी योजना बनाई.

-जिसके बाद मसूद अजहर ने जैश-ए-मोहम्मद संगठन बनाया. साल 2001 में जैश ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर नई दिल्ली में संसद पर हमला किया. जिसमें संसद भवन के गार्ड, दिल्ली पुलिस के जवान समेत कुल 9 लोग शहीद हुए थे. एक सफेद एंबेसडर कार में आए पांच आतंकवादियों ने 45 मिनट में लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर को गोलियों से छलनी करके पूरे हिंदुस्तान को झकझोर दिया था.

-24 सितंबर 2002 को लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के दो आतंकवादियों ने मिलकर गुजरात के गांधी नगर में अक्षरधाम मंदिर में हमला किया था.

-29 अक्‍टूबर 2005 दिल्‍ली सीरियल ब्‍लास्‍ट हुआ था. जिसमें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश का हाथ बताया गया. दिल्ली के तीन जगह पर पहाड़गंज मार्किट, सरोजिनी नगर मार्किट और गोविंदपुरी में बम ब्लास्ट में 62 लोग मारे गए और करीब 210 घायल हुए थे.

-2 जनवरी 2016 में पठानकोट में जैश-ए-मोहम्मद ने पठानकोट एयरफोर्स स्टेशन पर हमला किया. जिसमें 7 जवान शहीद हुए थे.