जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने और लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित राज्य घोषित करने के बाद हालात बिगड़ने की आशंका बनी हुई है. आर्मी सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन हो सकतेहैं और हालात बिगड़ सकते हैं. इतना ही नहीं आतंकवादी अपने नापाक मंसूबों को भी अंजाम दे सकते हैं.
आर्मी सूत्रों को मानें तो 15 अगस्त से पहले आतंकी IED ब्लास्ट, फिदायीन हमला कर सकते हैं. जैश-ए-मोहम्मद के करीब 5 अतंकियों का एक गुट इस तरह की कार्रवाई को अंजाम देने के लिए 30-31 जुलाई को भारत में दाखिल हुआ है.
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सीमा और नियंत्रण रेखा पर फिलहाल पाकिस्तान की तरफ से कोई बड़ी कार्रवाई या संघर्ष विराम उल्लंघन नहीं किया गया है. लेकिन बीते एक हफ्ते के घटनाक्रमों और इस दौरान आतंकी गतिविधियों में हुए इजाफे के मद्देनजर खतरा बना हुआ है. 23 जुलाई के बाद से आतंकी लांच पैड पर हथियारबंद अतंकियों की गतिविधियां बढ़ी हैं.
किसी भी हालत से निपटने के लिए जम्मू कश्मीर में सेना के फॉरमेशन्स को अलर्ट पर रखा गया है. सेना सूत्रों के मुताबिक सेना की भूमिका केवल आतंकवाद निरोधक ऑपरेशन में रहेगी. जबकि कानून-व्यवस्था को संभालने का काम केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के जिम्मे है.
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हालांकि ज़रूरत पड़ने पड़ने पर यदि और सेना की तैनाती की ज़रूरत होगी तो उसे भी पूरा किया जाएगा. हालांकि ताज़ा घटनाक्रम के मद्देनजर कोई अतिरिक्त तैनीती नहीं की गई है.