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घाटी में आतंकी संगठन नेतृत्व विहीन! सुरक्षाबलों के आगे पाकिस्तान की रणनीति फेल

कश्मीर घाटी में आतंकवादियों का नामो निशान मिटाने के लिए सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं. नतीजा यह है कि आतंकवादियों और उनके पनाहगाह पाकिस्तान की हर नापाक चाल नाकामयाब हो रही है.

Updated on: 30 Aug 2020, 09:16 AM

नई दिल्ली:

कश्मीर घाटी में आतंकवादियों का नामो निशान मिटाने के लिए सुरक्षा बल लगातार ऑपरेशन चला रहे हैं. नतीजा यह है कि आतंकवादियों और उनके पनाहगाह पाकिस्तान की हर नापाक चाल नाकामयाब हो रही है. पाकिस्तान (Pakistan) निरंतर सीमा पार से आतंकियों की घुसपैठ करा रहा है तो भारतीय सुरक्षाबल पर भी इन आतंकियों को जहन्नुम में पहुंचा कर ही दम लेते हैं. हालात ऐसे हैं कि इस साल 40 से ज्यादा कमांडरों के मारे जाने के बाद आतंकवादी संगठन बौखलाए हैं. अब सुरक्षा बल एक ऐसी रणनीति पर काम कर रहे हैं जिससे कि आतंकी संगठनों का नया नेतृत्व पनप ही न पाए.

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जम्मू कश्मीर पुलिस का कहना है कि इस वक्त अधिकतर आतंकवादी संगठन नेतृत्वविहीन है. ऐसे में पाकिस्तान इस प्रयास में है कि वह घुसपैठ के जरिए किसी शातिर आतंकी को कमान सौंप आतंकी गुटों में जान फूंक पाए. हालांकि भारतीय सुरक्षा बल पाकिस्तान की हर रणनीति को विफल साबित कर रहे हैं. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस समय पाकिस्तान में बैठे आतंकी आका भी बौखलाहट में हैं, क्योंकि उनकी कोई भी योजना सफल नहीं हो रही है.

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उधर सूत्रों का कहना है कि इस समय सुरक्षा बल पूरी तरह तैयार हैं. जैसे ही कोई नया आतंकी नेतृत्व तैयार होता है, उसी के पर कतर दिए जाते हैं. सूत्रों के अनुसार, कुछ वक्त पहले कैफतुल्ला को हिजबुल का कमांडो बनाया गया था. लेकिन वह किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने में नाकामयाब रहा. जबकि पाकिस्तान इस कोशिश में था कि हुर्रियत गिलानी गुट को नए नेता के जरिये ताकतवर बनाया जाए, ताकि हिजबुल को ज्यादा खतरनाक तरीके से पुनर्जीवित किया जाए. मगर सुरक्षाबलों की रणनीति के आगे उसकी कोई भी योजना सफल नहीं हुई. फिलहाल घाटी में आतंकी संगठन नेतृत्वविहीन हैं और उनके आका इस बात से बौखलाए हुए हैं.