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नौसेना के लिए 20,000 करोड़ वाली एलपीडी परियोजना की निविदा रद्द

20,000 करोड़ रुपये की लागत वाले चार ‘लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक’ की खरीद की निविदा को भारतीय नौसेना ने रद्द कर दिया है. यह खरीद प्रक्रिया लगभग 7 साल पहले शुरू की गई थी.

Updated on: 13 Oct 2020, 07:06 AM

highlights

  • 20,000 करोड़ वाली LDP योजना की निविदा रद्द
  • खरीद प्रक्रिया 7 साल पहले हुई थी शुरू
  • अब नए सिरे से निविदा की घोषणा होगी

नई दिल्ली:

20,000 करोड़ रुपये की लागत वाले चार ‘लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक’ की खरीद की निविदा को भारतीय नौसेना ने रद्द कर दिया है. यह खरीद प्रक्रिया लगभग 7 साल पहले शुरू की गई थी. सरकारी सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है. बता दें कि लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक (एलपीडी) एक प्रकार का युद्धपोत होता है, जो जल और थल दोनों सतहों पर काम कर सकता है. इनका इस्तेमाल सैनिकों, टैंक, हेलीकॉप्टर, ड्रोन इत्यादि को समुद्र के रास्ते युद्ध क्षेत्र में पहुंचाने के लिए किया जाता है.

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सूत्रों के हवाले की मिली जानकारी के अनुसार, बहुत समय से लंबित इस परियोजना के लिए प्रस्ताव का अनुरोध (आरओपी) वापस ले लिया गया, क्योंकि अब नौसेना को नई विशिष्टताओं से युक्त एलपीडी की जरूरत है. इसके लिए अब नए सिरे से निविदा की घोषणा की जाएगी.

इधर, जल-थल अभियानों में मददगार जंगी जहाजों के बेड़े को खरीदने का फैसला 2010 में होने के बाद भी 16,000 करोड़ रूपये के अनुबंध को पूरा करने में नौसेना के विफल रहने पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने कड़ा ऐतराज किया. नौसेना ने चार लैंडिंग प्लेटफार्म डॉक (एलपीडी) खरीदने की योजना बनाई थी. लेकिन हाल ही में कैग ने अपनी रिपोर्ट में एलपीडी की कमी से जूझने के बावजूद इस अनुबंध को पूरा नहीं कर पाने को लेकर नौसेना की आलोचना की.

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कैग ने कहा, 'एलपीडी की वर्तमान क्षमता जल-थल अभियानों के लिहाज से अपर्याप्त पाई गई. भारतीय नौसेना ने इसलिए अक्टूबर, 2010 में 16,000 करोड़ रूपये की कीमत से अहम जंगी जहाज को खरीदने का निर्णय लिया था. लेकिन नौ साल गुजर जाने के बाद भी यह अनुबंध पूरा नहीं किया गया.'