धारा 370 पर मोदी के विरोधी भी आए साथ, जम्मू-कश्मीर पर टीडीपी के बदले सुर
अब इस लड़ी में आंध्रप्रदेश की पूर्व सत्ताधारी पार्टी तेलुगू देशम के मुखिया चंद्रबाबू नायडु (Chandrababu Naidu) ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सरकार की ओर से धारा 370 हटाने के फैसले का समर्थन किया है.
नई दिल्ली:
देश के संविधान से अुच्छेद 370 हटाने के सरकार के फैसले पर राज्यसभा में बहस हो रही है. बहस में भाग लेने वाले ज्यादातर राजनीतिक दलों ने सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. अब इस लड़ी में आंध्रप्रदेश की पूर्व सत्ताधारी पार्टी तेलुगू देशम के मुखिया चंद्रबाबू नायडु (Chandrababu Naidu) ने इस फैसले का स्वागत करते हुए सरकार की ओर से धारा 370 हटाने के फैसले का समर्थन किया है.
चंद्रबाबू नायडु (Chandrababu Naidu) ने ट्वीट कर कहा,' जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने के केंद्र सरकार के फैसले का टीडीपी समर्थन करती है. मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए शांति और समृद्धि की प्रार्थना करता हूं.'
Telugu Desam Party (TDP) chief Chandrababu Naidu supports Union Government's decision to revoke Article 370. #JammuAndKashmir pic.twitter.com/YxEfNSRc96
— ANI (@ANI) August 5, 2019
तेलुगू देशम पार्टी (Telugu Desham Party) से पहले तमिलनाडु की एआईएडीएमके, ओड़िशा की बीजू जनता दल, महाराष्ट्र की शिवसेना, उत्तर प्रदेश की बीएसपी, आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस, दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने के फैसले का समर्थन किया है.
गौरतलब है कि टीडीपी मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा थी हालांकि लोकसभा चुनाव से एक साल पहले चंद्रबाबू नायडु (Chandrababu Naidu) ने खुद को इस गठबंधन से अलग कर दिया.
बता दें कि कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सपीआईएम) और बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), तमिलनाडु की एमडीएमके, डीएमके, प. बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), यूपी की समाजवादी पार्टी (एसपी) ने धारा 370 को हटाने के फैसले का विरोध किया है.
और पढ़ें: Article 370 and Article 35A: अब ऐसा होगा नया कश्मीर, देखें क्या-क्या बदल गया
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने के बाद वहां कई चीजें बदलेंगी, जिसमें एक भारतीय दंड संहिता भी है. जम्मू-कश्मीर में भारतीय दंड संहिता (IPC) पहले लागू नहीं थी. लेकिन धारा 370 के हटाए जाने से अब वहां पर कानूनी मामलों में कोर्ट आईपीसी के तहत कार्रवाई करेगी. इसके साथ ही रणबीस दंड संहिता खुद ब खुद हट जाएगी. सबसे पहले बताते हैं रणबीर दंड संहिता है क्या?
रणबीर दंड संहिता को रणबीर आचार संहिता भी कहा जाता है. जम्मू-कश्मीर में ब्रिटिश शासन काल से रणबीर दंड संहिता लागू थी. 1932 में महाराजा रणबीर सिंह के नाम पर रणबीर दंड संहिता लागू की गई थी. क्योंकि आजादी से पहले जम्मू-कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत थी. वहां के शासक रणबीर सिंह थे. इसलिए उनके नाम पर यह दंड संहिता बनाया गया.
आम बोलचाल की भाषा में इसे आईपीसी(RPC) कहा जाता है. IPC की तरह ही RPC है, लेकिन इसकी कुछ धाराओं में अंतर है. आई देखते हैं आरपीसी में क्या कुछ है जो अब धारा 370 लग जाने के बाद खत्म हो गया है.
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