साइबराबाद पुलिस ने देश का सबसे बड़ा डेटा चोरी रैकेट का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 24 राज्यों और 8 महानगरों के 66.9 करोड़ व्यक्तियों और निजी संगठनों का निजी व गोपनीय डेटा चुराने, अपने पास रखने और बेचने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
बायजूस और वेदांतु संगठनों के छात्रों से संबंधित डेटा के अलावा, आरोपी के पास 8 मेट्रो शहरों में फैले 1.84 लाख कैब यूजर्स से संबंधित डेटा, 6 शहरों और गुजरात राज्य में 4.5 लाख वेतनभोगी कर्मचारियों का डेटा था। आरोपी विनय भारद्वाज ने फरीदाबाद, हरियाणा में एक कार्यालय स्थापित किया था और आमेर सोहेल और मदन गोपाल से डेटाबेस एकत्र किया था।
वह मुनाफे के लिए जालसाजों को डेटा फिर से बेचने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का प्रचार करता था। पुलिस ने कहा कि आरोपी के पास जीएसटी (पैन इंडिया), आरटीओ (पैन इंडिया), अमेजॉन, नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, पेटीएम, फोनपे, बिग बास्केट, बुक माय शो, इंस्टाग्राम, जोमैटो, पॉलिसी बाजार, अपस्टॉक्स जैसे प्रमुख संगठनों के उपभोक्ता / ग्राहक डेटा भी हैं।
आरोपी व्यक्ति 104 श्रेणियों में रखे गए लगभग 66.9 करोड़ व्यक्तियों और संगठनों के व्यक्तिगत और गोपनीय डेटा बेचते हुए पाया गया। इसमें 44 श्रेणियों में बनाए गए 24 राज्यों और 8 शहरों के व्यक्तियों और संगठनों के 51.9 करोड़ लोगों का डेटा शामिल हैं।
आरोपी के पास मौजूद कुछ महत्वपूर्ण डेटा में रक्षाकर्मियों, सरकारी कर्मचारियों, पैनकार्ड धारकों, नौवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों, वरिष्ठ नागरिकों, दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं, डी-मैट खाताधारकों, विभिन्न व्यक्तियों, नीट छात्रों, अमीर व्यक्तियों, बीमाधारकों, क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड धारकों का डेटा और मोबाइल नंबर शामिल हैं।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आरोपी व्यक्ति फरीदाबाद, हरियाणा में एक वेबसाइट इंस्पायरवेब्ज के माध्यम से काम कर रहा था और क्लाउड ड्राइव लिंक के माध्यम से ग्राहकों को डेटाबेस बेच रहा था।
पुलिस ने दो मोबाइल फोन और दो लैपटॉप तथा सरकारी, निजी संगठनों और व्यक्तियों की संवेदनशील जानकारी वाली 135 श्रेणियों के डेटा जब्त किया है।
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Source : IANS