तेलंगाना में गैंगरेप और हत्या को लेकर सड़क से लेकर संसद तक माहौल गर्म है. सड़क पर उतरकर जहां लोग इस वीभत्स घटना के खिलाफ उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं संसद में सांसदों खासकर महिला सांसदों ने कड़ा आक्रोश जाहिर किया है. राज्यसभा में सांसद जया बच्चन ने अपना आक्रोश जाहिर करते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि वह समय आ गया है कि सरकार को इस मामले में उचित जवाब देना चाहिए. उन्होंने कहा, ऐसे लोगों (बलात्कार के अभियुक्तों) को सार्वजनिक रूप से बाहर लाकर उनकी सार्वजनिक रूप से लिंचिंग करने की जरूरत है.
एआईएडीएमके की सांसद विजिला सत्यानंद ने कहा, तेलंगाना बलात्कार और हत्या की घटना के बाद से स्पष्ट हो गया है कि देश बच्चों और महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है. इस अपराध को अंजाम देने वाले 4 लोगों को 31 दिसंबर से पहले मौत की सजा दी जानी चाहिए. फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना की जानी चाहिए. न्याय में देरी न्याय से वंचित करने जैसा है.
कांग्रेस की अमी याज्ञिक राज्यसभा में इस मुद्दे पर कहा, मैं न्यायपालिका, विधायिका, कार्यकारी और अन्य प्रणालियों से अनुरोध करती हूं कि वे एक सामाजिक सुधार को लेकर सामाजिक सुधार योजना पर काम करें. इसमें सुधार तत्काल होने चाहिए.
लोकसभा में तेलंगाना कांड को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा, देश में जो भी घटनाएं घट रही हैं, उस पर संसद चिंतित है. मैंने प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे पर चर्चा के लिए समय दिया है.
राज्यसभा में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, कोई भी सरकार या नेता नहीं चाहेगा कि ऐसी घटना उनके राज्य में घटित हो. यह समस्या सिर्फ कानून बनाने से हल नहीं हो सकती है. ऐसे कृत्यों को मिटाने के लिए, ऐसे अपराधों के खिलाफ एक साथ खड़े होने की जरूरत है.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो