मौसम विभाग के तेलंगाना में अगले 2-3 दिनों में भारी बारिश के पूर्वानुमान के साथ, राज्य सरकार ने शनिवार को सभी जिलों, खासकर गोदावरी नदी के किनारे वाले जिलों को अलर्ट कर दिया है।
मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि राज्य में पिछले सप्ताह की तुलना में अधिक भीषण बाढ़ आ सकती है।
राज्य के कई जिलों में शुक्रवार से हो रही भारी बारिश और बाढ़ को देखते हुए उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में स्थिति की समीक्षा की।
केसीआर ने उल्लेख किया कि गोदावरी नदी महाराष्ट्र में ˜यंबकेश्वर में अपने उद्गम स्थल से बंगाल की खाड़ी में बहने वाले बिंदु तक उफान पर है।
नदी में बहने वाले नाले, झीलें और टैंक भी खाली हो रहे हैं। साथ ही कहा कि यह राज्य के लिए एक परीक्षा का समय है और लोगों को बचाया जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को अपने मुख्यालय नहीं छोड़ने का निर्देश दिया।
उन्होंने गोदावरी नदी के किनारे के इलाकों के मंत्रियों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को सतर्क रहने को कहा है। केसीआर ने उन्हें बाढ़ प्रभावित और निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था करने के लिए अधिकारियों के साथ जुड़े करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने नगर प्रशासन विभाग, ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) और हैदराबाद मेट्रो वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड (एचएमडब्ल्यूएस एंड एसबी) के अधिकारियों से हैदराबाद की स्थिति के बारे में जानकारी ली।
सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री को गोदावरी में परियोजनाओं में बाढ़ की स्थिति से अवगत कराया।
इस बीच, मुख्य सचिव सोमेश कुमार ने वरिष्ठ अधिकारियों और जिला कलेक्टरों के साथ एक टेलीकांफ्रेंस की और उन्हें राज्य भर में भारी से बहुत भारी बारिश के खतरे से अवगत कराया। उन्होंने उनसे यह सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा कि मानव जीवन का कोई नुकसान ना हो।
मुख्य सचिव ने कहा कि चूंकि अगले कुछ दिनों में भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट है, इसलिए कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि जिले के सभी अधिकारी मुख्यालय में उपलब्ध हों और कोई छुट्टी न दी जाए। उन्होंने निचले इलाकों की पहचान कर राहत शिविर तैयार रखने को कहा है।
कलेक्टरों को कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। आईएमडी ने भारी बारिश का अनुमान जताया है और इसका असर रविवार दोपहर से देखने को मिलेगा। सिंचाई की टंकियों में दरार आ सकती है। सड़कें, सेतु मार्ग भी जलमग्न हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि चूंकि टैंक, तालाब और जलाशय उफान पर हैं। अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहना चाहिए।
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Source : IANS