कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाई.एस. राजशेखर रेड्डी का यहां स्मारक बनाने की मांग की है।
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के प्रमुख ए. रेवंत रेड्डी ने दिवंगत नेता को उनकी 73वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद यह मांग की।
रेवंत रेड्डी, पूर्व सांसद और राजशेखर रेड्डी के करीबी दोस्त के. वी. पी रामचंद्र राव, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख मल्लू भट्टी विक्रमार्क, पूर्व मंत्री पोन्नाला लक्षमैया, मोहम्मद अली शब्बीर, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दासोजू श्रवण और अन्य लोगों ने पंजागुट्टा में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर वाईएसआर को श्रद्धांजलि दी।
रेवंत रेड्डी, (जो संसद सदस्य भी हैं) ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव से हैदराबाद में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएसआर के लिए एक स्मारक बनाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा, मैं मुख्यमंत्री से पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव और पूर्व मुख्यमंत्रियों एन.टी. रामा राव और एम. चेन्ना रेड्डी के लिए बनाए गए स्मारकों की तर्ज पर हैदराबाद में वाईएसआर के लिए एक स्मारक बनाने का अनुरोध करता हूं।
टीपीसीसी प्रमुख ने कहा कि अगर वर्तमान तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) सरकार वाईएसआर के लिए स्मारक बनाने में विफल रहती है, तो कांग्रेस पार्टी राज्य में सत्ता में आने के बाद ऐसा करेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि कांग्रेस एक साल के भीतर सत्ता में आ जाएगी।
रेवंत रेड्डी ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के प्रधानमंत्री बनने के बाद ही वाईएसआर को शांति मिलेगी। उन्होंने याद किया कि दिवंगत नेता का सपना राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखने का था।
वाईएसआर को महान नेता बताते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वे उनके आदशरें पर चलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वाईएसआर ने कल्याण और विकास को अपनी दो आंखों के रूप में देखा और आंध्र प्रदेश को प्रगति के पथ पर अग्रसर किया।
विक्रमार्क ने याद किया कि वाईएसआर ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन, राजीव आरोग्यश्री और समाज के गरीब और कमजोर वर्गो के लिए शुल्क प्रतिपूर्ति जैसी कई क्रांतिकारी कल्याणकारी योजनाएं शुरू कीं।
मोहम्मद अली शब्बीर ने कहा कि वाईएसआर लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे। उन्होंने कहा कि दिवंगत नेता ने अल्पसंख्यकों, एससी, एसटी, बीसी के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए कई उपाय किए और किसान मजदूरों को हमेशा याद किया जाएगा।
पूर्व मंत्री ने याद किया कि यह वाईएसआर थे, जिन्होंने अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण प्रदान किया और मुस्लिम छात्रों की विदेशी शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की।
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Source : IANS