पर्यटन मंत्रालय ने भारत में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप-आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल तैयार की है।
पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि पर्यटन मंत्रालय ने ग्रामीण पर्यटन की अपार संभावनाओं की पहचान की है और पर्यटन के इस विशिष्ट क्षेत्र के प्रचार और विकास के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। पर्यटन मंत्रालय ने भारत में ग्रामीण पर्यटन के विकास के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति और रोडमैप - आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक पहल, तैयार किया है, जिसे संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों व संघ राज्य प्रदेशों के प्रशासन और इस उद्योग से जुड़े हितधारकों के साथ साझा किया है।
रणनीतिक दस्तावेज जिन प्रमुख स्तंभों को रेखांकित करता है। उनमें ग्रामीण पर्यटन के लिए आदर्श नीतियां और सर्वोत्तम तौर-तरीके, ग्रामीण पर्यटन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियां और प्लेटफार्म, ग्रामीण पर्यटन के लिए क्लस्टर विकसित करना, ग्रामीण पर्यटन के लिए विपणन सहायता, हितधारकों का क्षमता निर्माण, शासन और संस्थागत ढांचा निर्माण करना शामिल है।
इसके अलावा, ग्रामीण विकास मंत्रालय (एमओआरडी) ने सूचित किया है कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन(एसपीएमआरएम) योजना के तहत, इक्कीस घटकों को क्लस्टर विकास के लिए आवश्यक माना गया है और पर्यटन संवर्धन इन घटकों में से एक है।
पर्यटन मंत्रालय ने साल 2022-23 के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 227 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जनजातीय क्षेत्रों में पर्यटन के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए जनजातीय उप योजना के तहत 98 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। भारत ने घरेलू पर्यटन में एक बड़ी वृद्धि देखी है। ग्रामीण पर्यटन उन समुदायों के लिए मूल्यवान वाणिज्यिक और रोजगार के अवसर प्रदान करता है जो अपनी स्थानीय आबादी के लिए व्यवहार्य आजीविका प्रदान करने की बढ़ती चुनौती का सामना कर रहे हैं। मंत्रालय के अनुसार पर्यटन सबसे बड़े रोजगार सृजन क्षेत्रों में से एक है और यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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Source : IANS