तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष की गिरफ्तारी लोकतंत्र की हत्या का जीता जागता उदाहरण : नड्डा
तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष की गिरफ्तारी लोकतंत्र की हत्या का जीता जागता उदाहरण : नड्डा
नई दिल्ली:
तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष बंदी संजय कुमार की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पार्टी अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने सोमवार को कहा कि यह राज्य सरकार द्वारा लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों की हत्या का एक और ज्वलंत उदाहरण है।नड्डा ने एक बयान में कहा कि जिस तरह से तेलंगाना पुलिस ने केसीआर सरकार के दबाव में रविवार रात भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के कार्यालय में जबरन घुसकर हिंसा की और लाठीचार्ज किया, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं की पिटाई की, वह अत्यंत निंदनीय है।
उन्होंने कहा, तेलंगाना सरकार द्वारा लोकतंत्र और संवैधानिक अधिकारों की हत्या का यह एक और ज्वलंत उदाहरण है। भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं पर इस हमले की कड़ी निंदा करती है।
दरअसल, बंदी संजय राज्य की केसीआर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे, इससे पहले ही रविवार रात को कोविड-19 प्रोटोकॉल के कथित उल्लंघन के नाम पर पुलिस ने कार्रवाई कर दी। बंदी संजय ने राज्य सरकार के एक आदेश के खिलाफ रविवार की रात अपने दफ्तर में जागरण आयोजित करने की योजना बनाई थी। दरअसल कुमार का आरोप है कि सरकार का आदेश नंबर 317 टीचरों और दूसरे सरकारी कर्मियों के तबादले को लेकर उनके हितों के साथ खिलवाड़ है।
नड्डा ने उल्लेख किया कि तेलंगाना राज्य सरकार के शिक्षक और कर्मचारी केसीआर सरकार द्वारा शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ प्रतिगामी आदेश संख्या 317 पारित करने के खिलाफ अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए कुमार के करीमनगर लोकसभा कार्यालय में कार्यालय आए थे। नड्डा ने आगे कहा, सभी कोविड-उपयुक्त प्रोटोकॉल का पालन करते हुए, कुमार जी भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ अपने कार्यालय में आंदोलनकारी शिक्षकों और कर्मचारियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए रात भर जागरण और उपवास पर बैठे।
नड्डा ने आगे कहा कि तेलंगाना में केसीआर सरकार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष, पार्टी कार्यकर्ताओं और पीड़ित शिक्षकों तथा कर्मचारियों के इस शांतिपूर्ण विरोध से इतना डर गई कि उसने राज्य पुलिस को शांतिपूर्ण विरोध पर हमला करने का आदेश दिया।
नड्डा ने कहा, भाजपा नेताओं, कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और कर्मचारियों के खिलाफ बल प्रयोग और योजनाबद्ध हमले और हिंसा और कुछ नहीं, बल्कि तेलंगाना में व्याप्त राजनीतिक प्रतिशोध और राजनीतिक अराजकता है।
नड्डा का दावा है कि तेलंगाना पुलिस ने पहले कार्यालय के लोहे के गेट को काटा और फिर जबरन प्रवेश किया, जहां शांतिपूर्ण विरोध चल रहा था। नड्डा ने कहा, तेलंगाना पुलिस ने तब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और महिला नेताओं और कार्यकर्ताओं सहित पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं पर क्रूर हमला किया और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
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