तेजस्वी का नीतीश पर वार, कहा- 'मैं तो एक बहाना था, बीजेपी की गोद में जाना था'
देर रात राज्यपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने नीतीश और बीजेपी पर अपना ग़ुस्सा उतारा।
highlights
- राज्यपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने नीतीश और बीजेपी पर अपना ग़ुस्सा उतारा
- तेजस्वी ने नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के समय में बदलाव किए जाने के राजभवन के फैसले पर भी सवाल खड़े किए
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय जनता दल (RJD)के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नीतीश कुमार के बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) के साथ जुड़कर सरकार बनाने के फैसले को लेकर आक्रामक हो गए हैं।
देर रात राज्यपाल से मुलाकात के बाद तेजस्वी यादव ने मीडिया के सामने नीतीश और बीजेपी पर अपना ग़ुस्सा उतारा।
तेजस्वी ने नीतीश पर वार करते हुए कहा, 'मैं तो एक बहाना था, उन्हें तो बीजेपी की गोद में जाना था।'
तेजस्वी ने कहा, 'नीतीश कुमार मुझसे किस बात का इस्तीफा मांग रहे थे? उन पर हत्या, हत्या का प्रयास जैसे कई गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। कोर्ट में मामला चल रहा है। जिस वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया, तो किस मुंह से अब मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं?
तेजस्वी ने नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण के समय में अचानक देर रात बदलाव किए जाने के राजभवन के फैसले पर भी सवाल खड़े किए हैं।
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पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, 'राज्यपाल ने हमें सुबह 11 बजे मिलने का वक्त दिया था। लेकिन अब एनडीए का शपथ ग्रहण समारोह 10 बजे तय कर दिया गया है। इतनी भी क्या हड़बड़ी है श्रीमान ईमानदार और नैतिक महोदय?'
कुमार के शपथ ग्रहण के समय में बदलाव किए जाने के बाद तेजस्वी यादव पार्टी के कुछ विधायकों के साथ देर रात राज्यपाल से मिलने पहुंचे। राज्यपाल से मिलने के बाद आरजेडी विधायक राजनिवास के बाहर धरने पर बैठ गए।
तेजस्वी ने कहा कि राज्य की सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद हमें अगर सरकार बनाने के लिए पहले नहीं बुलाया गया तो हम यहीं धरना देंगे।
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माना जा रहा है कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राज्यपाल से मिलने का समय मांगे जाने के बाद कुमार के शपथ ग्रहण समारोह के समय में बदलाव किया है। बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने राज्यपाल से आज मिलने का समय मांगा था। राजभवन ने उन्हें 11 बजे का समय दिया है।
महागठबंधन टूटने के बाद भी विधायकों की संख्या के आधार पर आरजेडी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है। इसी आधार पर पार्टी ने सरकार बनाने का दावा किया है।
बिहार विधानसभा में आरजेडी के कुल 80 विधायक हैं वहीं महागठबंधन की तीसरी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के पास 27 विधायक हैं। दोनों दलों के विधायकों की संख्या 107 होती है जो सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा 123 से काफी कम है।
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