बिहार: जगदानंद, तेज के तकरार से राजद का आनंद गायब

बिहार: जगदानंद, तेज के तकरार से राजद का आनंद गायब

author-image
IANS
New Update
Tej Pratap

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष जगदानंद सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद के बडे पुत्र तथा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव में तकरार समाप्त होने के का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, इस तकरार के बाद विरोधी खेमा जहां मजे ले रहा है वहीं राजद में आनंद (खुशी) समाप्त दिख रही है।
जगदानंद सिंह की पहचान राज्य के वरिष्ठ नेताओं में तथा लालू प्रसाद के करीबी के तौर पर होती है। लेकिन राजद अध्यक्ष के खिलाफ राजद के नेता तेजप्रताप ने ही मोर्चा खोल दिया है। तेजप्रताप के बयानों से सिंह के कई बार नाराज होने की खबरें भी मीडिया में आती रही हैं, हालांकि इसे अब तक पार्टी ने स्वीकार करने की हिम्मत नहीं दिखाई दी है।

Advertisment

इधर, एकबार फिर सिंह और तेजप्रताप आमने-सामने आ गए नजर आ रहे हैं। काफी दिनों के बाद राजद कार्यालय पहुंचे सिंह ने बुधवार को तेजप्रताप के करीबी माने जाने वाले छात्र राजद अध्यक्ष आकाश यादव को पद से हटाते हुए गगन कुमार को यह जिम्मेदारी दे दी।

हालांकि सिंह यह भी कहते हैं कि छात्र राजद अध्यक्ष का पद रिक्त था, जिस पर नियुक्ति कर दी गई है। उन्होंने आकाश के विषय में कुछ नहीं जानते।

इस कार्रवाई के बाद तेजप्रताप भडक गए। तेजप्रताप ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिख दिया, प्रवासी सलाहकार से सलाह लेने मंे अध्यक्ष जी ये भूल गए की पार्टी संविधान से चलता है। राजद का संविधान कहता है की बिना नोटिस दिए आप पार्टी के किसी पदाधिकारी को पदमुक्त नहीं कर सकते .आज जो हुआ वो राजद के संविधान के खिलाफ हुआ।

तेजप्रताप के इस ट्वीट के बाद इतना तय माना जाता है कि जगदानंद और तेजप्रताप का तकरार और बढ़ेगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों तेजप्रताप के एक बयान से आहत होकर जगदानंद सिंह कई दिनों तक पार्टी कार्यालय नहीं आए थे। हालांकि पार्टी और स्वयं सिंह ने नाराजगी का खंडन भी किया था।

इधर, पार्टी के दो नेताओं के उभरे तकरार के बीच विरोधी खेमा भी मजे ले रहा है। जदयू के नेता और पूर्व मंत्री नीरज कुमार कहते हैं, हम प्रवासी कहते थे, तो मिर्ची लगती थी। अब तो प्रवासी सलाहकार कहा गया। पार्टी को पारिवारिक संपत्ति समझने वालों का आंतरिक कलह सबके सामने आ गया। जगदानंद सिंह को पार्टी संविधान का आईना दिखाया गया है।

उन्होंने नसीहत देते हुए आगे कहा कि राजनीति में जमीर महत्वपूर्ण होता है, आत्मसम्मान महत्वपूर्ण होता है। जगदानंद सिंह की ऐसी दुर्दशा देखी नहीं जा रही है। पद के लिए अपने स्वाभिमान से समझौता किया है।

बहरहाल, राजद के इन दोनों नेताओं के बीच तकरार समाप्त होते नहीं दिख रहा है। ऐसे में राजद नेतृत्व इन दोनों नेताओं के तकरार से कैसे निपटता है, यह देखने वाली बात होगी।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

      
Advertisment