जी20 श्रम मंत्रियों की बैठक में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यह चौथी औद्योगिक क्रांति का युग है, जहां प्रौद्योगिकी रोजगार के लिए मुख्य चालक बन गई है और रहेगी।
इंदौर में आयोजित बैठक को वर्चुअली संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, स्किलिंग, री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग भविष्य के कार्यबल के लिए मंत्र हैं। भारत में दुनिया में कुशल कार्यबल के सबसे बड़े प्रदाताओं में से एक बनने की क्षमता है। हमें प्रत्येक देश की अद्वितीय आर्थिक क्षमताओं, शक्तियों और चुनौतियों पर विचार करना चाहिए।
एक आकार-सभी के लिए उपयुक्त दृष्टिकोण अपनाना सामाजिक सुरक्षा के स्थायी वित्तपोषण के लिए उपयुक्त नहीं है।
प्रधान मंत्री ने पिछले ऐसे प्रौद्योगिकी-आधारित परिवर्तन के दौरान अनगिनत प्रौद्योगिकी नौकरियां पैदा करने में भारत की क्षमता पर प्रकाश डाला।
उन्होंने विकास के वैश्वीकरण और कौशल को सही अर्थों में साझा करने में जी20 की भूमिका पर भी जोर दिया।
मोदी ने कौशल और योग्यता आवश्यकताओं के आधार पर व्यवसायों के अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ को शुरू करने के लिए सदस्य देशों के प्रयासों की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि इसके लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग और समन्वय के नए मॉडल और प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी की आवश्यकता है।
प्रधान मंत्री ने शुरुआत के लिए नियोक्ताओं और श्रमिकों के संबंध में आंकड़े, सूचना और डेटा साझा करने का सुझाव दिया, जो दुनिया भर के देशों को बेहतर कौशल, कार्यबल योजना और लाभकारी रोजगार के लिए साक्ष्य-आधारित नीतियां बनाने के लिए सशक्त बनाएगा।
उन्होंने बताया कि भले ही लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना 2030 एजेंडा का एक प्रमुख पहलू है, अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा अपनाई गई वर्तमान रूपरेखा केवल उन लाभों के लिए है, जो कुछ संकीर्ण तरीकों से संरचित हैं, जबकि अन्य रूपों में प्रदान किए गए कई लाभ इसके अंतर्गत शामिल नहीं हैं।
मोदी ने रेखांकित किया कि भारत में सामाजिक सुरक्षा कवरेज की सही तस्वीर समझने के लिए, सार्वभौमिक सार्वजनिक स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, बीमा और पेंशन कार्यक्रमों जैसे लाभों को ध्यान में रखा जाना चाहिए।
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Source : IANS