Teachers' Day: PM मोदी बोले, छात्रों के सपनों को संकल्प में बदलना सिखाते हैं शिक्षक

प्रधानमंत्री ने छात्रों के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष और अंतर्विरोधों को दूर करने के महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि एक छात्र स्कूल, समाज और घर में जो अनुभव करता है उसमें कोई विरोध नहीं है.

प्रधानमंत्री ने छात्रों के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष और अंतर्विरोधों को दूर करने के महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि एक छात्र स्कूल, समाज और घर में जो अनुभव करता है उसमें कोई विरोध नहीं है.

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Vijay Shankar
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PM Narendra Modi

PM Narendra Modi ( Photo Credit : ANI)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेताओं के साथ बातचीत की. सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि दी. उन्होंने शिक्षकों को यह भी याद दिलाया कि भारत के वर्तमान राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाना अधिक महत्वपूर्ण है जो एक शिक्षक भी हैं. पीएम मोदी ने कहा, "आज जब देश ने आजादी का अमृत महोत्सव के अपने विशाल सपनों को पूरा करना शुरू कर दिया है, शिक्षा के क्षेत्र में सर्वपल्ली राधाकृष्णन के प्रयास हम सभी को प्रेरित करते हैं. इस अवसर पर, मैं राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी शिक्षकों को बधाई देता हूं”. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने शिक्षकों के ज्ञान और समर्पण पर प्रकाश डाला और बताया कि उनकी सबसे बड़ी गुणवत्ता एक सकारात्मक दृष्टिकोण है जो उन्हें छात्रों के साथ उनके सुधार के लिए लगातार काम करने में सक्षम बनाता है.

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पीएम मोदी ने कहा, "एक शिक्षक की भूमिका एक व्यक्ति को प्रकाश दिखाना है और यह वही है जो सपनों को बोता है और उन्हें सपनों को संकल्प में बदलना सिखाता है". प्रधानमंत्री ने कहा, 2047 के भारत का राज्य और भाग्य आज के छात्रों पर निर्भर है और उनके भविष्य को आज के शिक्षकों द्वारा आकार दिया जा रहा है. इसलिए आप छात्रों को उनके जीवन को आकार देने में मदद कर रहे हैं और रूपरेखा को भी रूप दे रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा, जब एक शिक्षक छात्र के सपनों से जुड़ जाता है, तो उसका सम्मान और स्नेह पाने में उसे सफलता मिलती है.

हर छात्र के साथ समान व्यवहार करने की सलाह दी

प्रधानमंत्री ने छात्रों के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में संघर्ष और अंतर्विरोधों को दूर करने के महत्व को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि एक छात्र स्कूल, समाज और घर में जो अनुभव करता है उसमें कोई विरोध नहीं है. उन्होंने छात्रों के पोषण के लिए छात्रों के परिवारों के साथ शिक्षकों और भागीदारों द्वारा एक एकीकृत दृष्टिकोण की आवश्यकता पर जोर दिया.  उन्होंने छात्रों के लिए पसंद-नापसंद न रखने और हर छात्र के साथ समान व्यवहार करने की भी सलाह दी.

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मिली सराहना पर भी डाला प्रकाश

राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मिली सराहना पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सही दिशा में उठाया गया कदम है. राष्ट्रीय शैक्षिक नीति को एक से अधिक बार पढ़ने की आवश्यकता पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी की उपमा दी जहां उन्होंने भगवद गीता को बार-बार पढ़ा और हर बार उन्हें एक नया अर्थ मिला. प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को इस तरह से आत्मसात करने की आवश्यकता पर बल दिया कि यह सरकारी दस्तावेज छात्रों के जीवन का आधार बन जाए. उन्होंने कहा, "नीति के निर्माण में शिक्षकों ने एक प्रमुख भूमिका निभाई." उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि राष्ट्रीय शैक्षिक नीति के कार्यान्वयन में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है. 

पंच प्राणों पर स्कूलों में नियमित चर्चा करने को कहा

प्रधानमंत्री ने 'पंच प्राण' की अपनी स्वतंत्रता दिवस की घोषणा को याद किया और सुझाव दिया कि इन पंच प्राणों पर स्कूलों में नियमित रूप से चर्चा की जा सकती है ताकि छात्रों के लिए उनकी भावना स्पष्ट हो. उन्होंने कहा कि इन प्रस्तावों को राष्ट्र की प्रगति के लिए एक मार्ग के रूप में सराहा जा रहा है और हमें इसे बच्चों और छात्रों तक पहुंचाने का एक तरीका खोजने की जरूरत है. प्रधानमंत्री ने कहा, "पूरे देश में ऐसा कोई छात्र नहीं होना चाहिए जिसके पास 2047 का सपना न हो". उन्होंने कहा कि दांडी यात्रा और भारत छोड़ो के बीच के वर्षों के दौरान देश में व्याप्त भावना को फिर से बनाने की जरूरत है. 

पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को लेकर पीएम मोदी ने सराहा

पीएम मोदी ने कहा, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए यूके को पीछे छोड़ दिया है. इस स्थान को हासिल करना विशेष है क्योंकि हमने उन लोगों को पीछे छोड़ दिया है जिन्होंने 250 वर्षों तक हम पर शासन किया. प्रधानमंत्री ने तिरंगे की भावना पर प्रकाश डाला जिसके कारण भारत आज की दुनिया में नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है. प्रधानमंत्री ने सभी से देश के लिए जीने, मेहनत करने और मरने की उसी भावना को प्रज्वलित करने का आग्रह किया जैसा 1930 से 1942 तक देखा गया था जब हर भारतीय स्वतंत्रता के लिए अंग्रेजों से लड़ रहा था.  पीएम मोदी ने कहा, "मैं अपने देश को पीछे नहीं रहने दूंगा.

पीएम मोदी ने कहा, अब हम नहीं रुकेंगे. हम केवल आगे बढ़ेंगे

पीएम मोदी ने कहा, हमने हजारों साल की गुलामी की बेड़ियों को तोड़ा है और अब हम नहीं रुकेंगे. हम केवल आगे बढ़ेंगे. अपने संबोधन का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने देश के शिक्षकों से भारत के भविष्य में एक समान भावना को आत्मसात करने का आग्रह किया ताकि इसकी ताकत कई गुना बढ़े. इस अवसर पर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान और शिक्षा राज्य मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी उपस्थित थीं. आज भारत अपना 50वां राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मना रहा है. यह दिन हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है जो भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है, जो एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे. 

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