दिल्ली में जून माह की छुट्टियों के बाद कई स्कूल फिर से खुल गए हैं। शुक्रवार को सैकड़ों बच्चे सुबह-सुबह लंबी छुट्टियों के उपरांत अपने स्कूल पहुंचे। इनमें से अधिकांश स्कूलों ने तेज पड़ती गर्मी के चलते मध्य मई से गर्मियों की छुट्टियां घोषित कर दी थी। हालांकि अभी भी दिल्ली के कई स्कूलों में समर ब्रेक खत्म नहीं हुआ है। दिल्ली के इन स्कूलों में सोमवार 4 जुलाई को समर ब्रेक समाप्त होगा।
सोमवार से अधिकांश स्कूलों में सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए स्कूल फिर से खुलने हैं। हालांकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कई बच्चों के लिए मिशन बुनियाद के तहत स्कूल रिओपनिंग पहले ही हो चुकी थी। ऐसा इसलिए किया गया था ताकि कोविड-19 उत्पन्न हुए 2 साल के लंबे अंतराल और उससे प्रभावित हुई स्कूली शिक्षा के गैप को कम किया जा सके।
इस बीच शुक्रवार को दिल्ली के कई स्कूलों में सभी कक्षाओं का समर ब्रेक समाप्त हुआ और छात्र अपने अपनी कक्षाओं में पहुंचे। सुबह बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने के लिए पहुंचे। दरियागंज स्थित एक स्कूल में साथ पढ़ने वाले सातवीं कक्षा के छात्र मोहित जैन ने कहा कि उनके स्कूल में करीब 45 दिन लंबी गर्मियों की छुट्टियां रही। इसके बाद अब स्कूल खुल चुके हैं और आज पहले दिन दिल्ली का मौसम भी छात्रों के लिए राहत लेकर आया है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि इस साल गर्मियों की छुट्टियों में मिशन बुनियाद को दिल्ली सरकार व एमसीडी के स्कूलों में मिशन मोड में चलाया गया जिसका शानदार रिजल्ट देखने को मिला है। हमारे स्कूलों के लाखों बच्चों को इसका फायदा हुआ है, व उनके लर्निग लेवल में सकारात्मक सुधार आया है। इसका सारा श्रेय हमारे शिक्षा विभाग व एमसीडी के शिक्षकों व स्कूल प्रमुखों को जाता है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की सफलता हमारे लिए अवसर है कि यदि हमारे शिक्षा विभाग व एमसीडी के स्कूल इस तरह ही साथ मिलकर काम करें तो बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार करने में बड़ी मदद मिलेगी।
मिशन बुनियाद के तहत बच्चों के लर्निग गैप को कम करने के लिए आगे के प्लान में स्कूलों में 31 अगस्त तक मिशन बुनियाद चलेगा और अगस्त के अंत में होगी समीक्षा होगी।
जुलाई में एससीईआरटी टारगेटेड पेडागोजिकल अप्रोच के लिए एमसीडी और डीओई के टीचर्स के साथ करेगी ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया जाएगा। टीचर्स साप्ताहिक रूप से काम करेंगे। वह प्रत्येक बच्चे का असेसमेंट, पूरी असेसमेंट प्रक्रिया पर स्कूल प्रमुख नजर रखेंगे।
दिल्ली सरकार के मुताबिक शिक्षकों ने इसपर बेहतर काम किया है। पूरी दिल्ली के लिए एक मिनिमम बेंचमार्क स्थापित करने की जरूरत है कि हमारे स्कूल चाहे वो एमसीडी के स्कूल हो या शिक्षा निदेशालय के स्कूल का हर बच्चा कम से कम भाषा व बुनियादी गणित में दक्ष हो। इसके लिए हर स्कूल प्रमुख अपनी खुद की एक योजना बनाए और उसके बेहतर कार्यान्वयन पर फोकस करें।
उल्लेखनीय है कि मौजूदा आंकड़ों के अनुसार शिक्षा निदेशालय के स्कूलों के कक्षा 3 से 5 तक के 88 प्रतिशत बच्चे व एमसीडी के स्कूलों के 78 प्रतिशत बच्चे जो कम से कम शब्द पहचानने या उससे ऊपर पढ़ पा रहे है, 2 महीने के प्रयास के बाद अपनी किताब पढ़ पाएंगे।
वहीं कक्षा 6 से 9 तक के 90 प्रतिशत बच्चे जो अभी कम से कम एक छोटा पैराग्राफ पढ़ सकते हैं वो फोकस्ड प्रयास से अगले 2 महीने में अपनी किताबें पढ़ सकेंगे।
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Source : IANS