2019 के लोकसभा चुनाव में 1 साल से भी कम समय बचा है और केंद्र की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। विपक्ष तो हमलावर है ही साथ में एनडीए गठबंधन की सहयोगी पार्टी भी सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।
विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिये जाने से नाराज़ वाईएसआर कांग्रेस ने लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने इस समर्थन देने का फैसला किया है।
विशेष राज्य का दर्जा देने के मुद्दे पर तेलगू देशम पार्टी (टीडीपी) टीडीपी और बीजेपी के बीच मनमुटाव काफी बढ़ गया है। केंद्रीय कैबिनेट से टीडीपी ने पहले से ही अपने 2 मंत्रियों को बाहर कर लिया है।
इधर वाईएसआर कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देने का फैसला किया है। राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा है कि टीडीपी बीजेपी सरकार के खिलाफ लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देगी।
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उन्होंने कहा, 'हम अविश्वास प्रस्ताव को समर्थन देंगे, उसे चाहे जो लेकर आए। हम इसके लिये तैयार हैं और हमारे 16-17 सांसद इसका समर्थन करेंगे। हम राज्य के अधिकार के लिये जो भी लड़ेगा उसका समर्थन करेंगे।'
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भी शुक्रवार तक वह NDA से अलग होने की घोषणा कर सकती है। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा, 'यदि जरूरत पड़ी तो हम केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेंगे, चाहे कोई भी पार्टी इसे लाए।'
नायडू ने कहा, 'टीडीपी NDA-1 का भी हिस्सा थी। हमें सत्ता का लालच नहीं है। वाजपेयी जी ने टीडीपी को 6 मंत्रियों का ऑफर दिया था, लेकिन हमने उसे स्वीकार नहीं किया। वह बड़े मुद्दों पर हमसे सुझाव लेते थे। स्वर्ण चतुर्भुज परियोजना हमसे चर्चा के बाद ही शुरू हुई थी।'
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए गोलबंदी शुरू कर दी है। पार्टी के 6 सांसदों ने शुक्रवार के लिए लोकसभा महासचिव को अविश्वास प्रस्ताव लाने का नोटिस दिया है। इसको लेकर वाईएसआर कांग्रेस विपक्षी पार्टियों का समर्थन भी जुटा रही है। टीडीपी ने इस प्रस्ताव को भी समर्थन देने का वादा किया है।
वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वाई वी सुब्बा रेड्डी ने लोकसभा सचिवालय को नोटिस दिया है ताकि उसे शुक्रवार की कार्यवाही में शामिल किया जा सके।
हालांकि इस प्रस्ताव को कम से कम 50 सांसदों का समर्थन मिलना ज़रूरी होता है। वाईएसआर के पास सिर्फ नौ सांसद हैं।
अगर इस प्रस्ताव को यदि स्वाकार किया जाता है तो ये मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविस्वास प्रस्ताव होगा।
समर्थन के लिये वाईएसआर प्रमुख जगन मोहन रेड्डी ने विभिन्न दलों को समर्थन देने के लिये पत्र भी लिखा है।
इससे पहले केंद्र की तरफ से आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को नकारे जाने के बाद आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र की सरकार से अलग होने का फैसला लेते हुए पार्टी के दोनों मंत्रियों को इस्तीफा दे दिया था।
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Source : News Nation Bureau