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जगनमोहन रेड्डी की नीति पर उठे सवाल, शराब की दरों को 20 फीसदी तक घटाया 

टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी) नेता और पूर्व आबकारी मंत्री केएस जवाहर ने कहा कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खतरनाक खेल खेल रही है.

Updated on: 20 Dec 2021, 09:00 AM

नई दिल्ली:

टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी) नेता और पूर्व आबकारी मंत्री केएस जवाहर ने रविवार को वाईएसआरसी सरकार पर शराब निर्माण और ​ब्रिकी को लेकर उनकी नीतियों की आलोचना की है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लोगों के स्वास्थ्य और जीवन के साथ खतरनाक खेल खेल रही है. जवाहर के अनुसार आंध्रप्रदेश में मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी शराबबंदी का वादा कर सत्ता में आए लेकिन चुनाव जीतने के बाद उन्होंने आबकारी को राजस्व के मुख्य स्रोत के रूप में देखना शुरू कर दिया. प्रारंभ में, सरकार ने यह कहते हुए शराब की दरों में बढ़ोतरी की कि इससे राज्य में शराब पीने वालों को हतोत्साहित किया जाएगा. अब उसने बिक्री और राजस्व को बढ़ावा देने के लिए दरों को कम कर दिया. 

उन्होंने कहा कि शराब नीति में लगातार बदलाव के बाद जगन की अवसरवादी नीतियां एक बार दोबारा से उजागर हो चुकी है. मुख्यमंत्री ने धीरे-धीरे शराब के दाम बढ़ाकर चरणबद्ध शराबबंदी की बात कही थी. अब, उन्होंने अपनी सरकार चलाने के लिए उत्पाद शुल्क राजस्व को मुख्य स्रोत बनाने का निर्णय लिया है. 

यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वाईएसआरसीपी शासन शराब की ब्रिकी को लेकर प्रति घंटे 10 करोड़ रुपये, प्रति दिन 245 करोड़ रुपये और प्रति माह 7,600 करोड़ रुपये प्राप्त होते  हैं. सरकार अब शराब की दरों में 20 फीसदी की कमी कर रही है. टीडीपी नेता ने मांग की कि ऐसा करने से पहले उसे लोगों को यह बताना चाहिए कि उसने पहले शराब की दरों में असामान्य रूप से वृद्धि क्यों की.

“पिछले टीडीपी शासन के दौरान उपलब्ध गुणवत्ता वाले ब्रांड को दोबारा से लाया जा रहा है. उन्हें अतीत में क्यों रद्द किया गया था? अपनी सोच बदलकर वाईएसआरसीपी सरकार इस तरह इस तरह स्वीकार कर रही है कि बीते टीडीपी शासन की नीति अच्छी थी. अब तक यह स्पष्ट हो चुका था कि शराबबंदी जगन की क्षमता से बाहर है." जवाहर ने कहा कि मुख्यमंत्री को जन स्वास्थ्य की जरा भी चिंता नहीं है. अब उनकी एकमात्र प्राथमिकता शराब की बिक्री से प्रति वर्ष 84,000 करोड़ रुपये कमाना था.