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टीडीपी ने आंध्र में मादक पदार्थों की तस्करी की डीआरआई जांच की मांग की

टीडीपी ने आंध्र में मादक पदार्थों की तस्करी की डीआरआई जांच की मांग की

Updated on: 22 Sep 2021, 02:40 PM

अमरावती:

विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता बोंडा उमामहेश्वर राव ने बुधवार को आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश पिछले ढाई साल में वाईएसआरसीपी सरकार के तहत मादक पदार्थों की तस्करी गतिविधियों का गहन जांच करने के लिए केंद्र बन गया है।

उन्होंने केंद्रीय एजेंसी से ड्रग माफिया गतिविधियों में राज्य सरकार, पुलिस और सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) की भूमिका की जांच करने की मांग की।

उन्होंने आरोप लगाया कि सुधाकर, जिनका नाम 9,000 करोड़ रुपये की हेरोइन तस्करी मामले में है, वाईएसआरसीपी विधायक के रिश्तेदार हैं। उन्होंने कहा कि वाईएसआरसीपी के सत्ता में आने के बाद सुधाकर ने विजयवाड़ा में अपनी फर्म खोली।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल हेरोइन मामले में अपनी भूमिका से बचने की कोशिश कर रहा है। वह टीडीपी पर बेबुनियाद आरोप लगाकर ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।

वह चाहते थे कि मंत्री पर्नी नानी बताएं कि 9,000 करोड़ रुपये के हेरोइन मामले में शामिल दागी फर्म ने अपना कार्यालय आंध्र प्रदेश में क्यों खोला, न कि देश के अन्य हिस्सों में। उन्होंने पूछा कि अगर तस्करी करने वाले गिरोह दूसरे राज्य के हैं, तो आंध्र प्रदेश सरकार और पुलिस ने उन्हें राज्य में अपनी गतिविधियां खोलने की इजाजत क्यों दी?

बोंडा उमा ने जोर देकर कहा कि उनकी पार्टी दिल्ली में ड्रग माफिया से संबंधित सभी सूचनाओं को पत्र लिखेगी और डीआरआई अधिकारियों को देगी। ऐसी खबरें थीं कि 70,000 करोड़ रुपये की हेरोइन के 22 कंटेनर पहले ही आंध्र प्रदेश लाए जा चुके हैं और फिर अन्य राज्यों में वितरित किए जा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी के सरकार बनने के बाद आंध्र प्रदेश रेत, शराब, जमीन, खनन, चंदन और बाल माफिया का अड्डा बन गया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.