नरेंद्र मोदी, नीतीश कुमार और जगनमोहन रेड्डी के बाद अब इस नेता ने PK को दिया ऑफर
वाईएसआर कांग्रेस की इस जीत के रणनीतिकार कोई और नहीं बल्कि प्रशांत किशोर ही थे.
highlights
- जगनमोहन रेड्डी ने पीके की अगुवई में जीता 2019 का चुनाव
- राजनीतिक पार्टियों में बढ़ी प्रशांत किशोर की मांग
- हाल में ही ममता बनर्जी ने भी की थी पीके से मुलाकात
नई दिल्ली:
अपनी कुशल रणनीति के दम पर पहले नरेंद्र मोदी को गुजरात में फिर केंद्र में और फिर बिहार में नीतीश कुमार को उसके बाद आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी को सत्ता दिलाने वाले प्रशांत किशोर को अब एक और बड़ा ऑफर मिलने वाला है. बीते चुनावों में प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश जगनमोहन रेड्डी के लिए चुनावी अभियान किया था जिसका नतीजा सबके सामने है. इस चुनाव परिणाम के बाद जगनमोहन की अपोजिट तेलुगु देशम पार्टी का लगभग सूपड़ा साफ हो गया. अब टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू ने दोबारा सत्ता हासिल करने के लिए प्रशांत किशोर को एक मेगा ऑफर दिया है. मीडिया में आईं खबरों की मानें तो राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (IPAC) को मेगा कांट्रेक्ट देने की पेशकश की है.
आपको बता दें कि आंध्र प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के साथ ही विधानसभा का चुनाव भी हुआ था. सत्तारूढ़ दल टीडीपी को जगनमोहन रेड्डी के सामने करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. आपको बता दें कि वाईएसआर कांग्रेस की इस जीत के रणनीतिकार कोई और नहीं बल्कि प्रशांत किशोर ही थे. इस चुनाव के दौरान वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगनमोहन रेड्डी ने प्रशांत किशोर की सेवाएं ली थी. चुनावों के दौरान चंद्रबाबू नायडू ने प्रशांत किशोर को अपशब्द भी कहे थे उन्होंने पीके को बिहारी डकैत तक कह दिया था. जिसके जवाब में पीके ने कहा था कि, 'एक तयशुदा हार सबसे अनुभवी राजनेता को भी विचिलत कर सकती है. इसीलिए मैं उनके निराधार बयानों से हैरान नहीं हूं.'
आपको बता दें जगन मोहन ने साल 2017 में प्रशांत किशोर को अपने चुनावी कैंपेन की कमान सौंपीं थी. वाईएसआर कांग्रेस के अपने सबसे ज्यादा बुरे दिनों से गुजर रही थी. प्रशांत किशोर ने पार्टी से जुड़ते ही सबसे पहले राज्य भर में जगनमोहन रेड्डी से 36 हजार किलोमीटर पदयात्रा का आयोजन करवाया. चुनावी पंडितों का मानना है कि जगन मोहन की इस पदयात्रा ने हवा का रुख ही मोड़ दिया और जगन को मतदाताओं के दिलों में जगह दे दी. और फिर क्या हुआ ये दुनिया के सामने है.
हालांकि, अभी यह बात पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि टीडीपी चीफ और पीके के बीच कोई आधिकारिक समझौता हुआ है या नहीं, लेकिन मीडिया में आईं खबरों के मुताबिक नायडू ने IPAC के सामने एक प्रस्ताव रखा है. आपको बता दें कि साल 2016 में भी नायडू ने किशोर की टीम को हायर किया था, लेकिन तब दोनों के बीच बात नहीं बनी थी. इससे पहले 8 जून को प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी, इस मुलाकात के बाद ये कयास लगाए जाने लगे थे कि वे ममता के काम करते दिखाई दे सकते हैं.
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