साइरस मिस्त्री की बहाली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची टीसीएस

साइरस पालोनजी मिस्त्री को कंपनी के निदेशक के रूप में फिर से बहाल करने का आदेश दिया था.

साइरस पालोनजी मिस्त्री को कंपनी के निदेशक के रूप में फिर से बहाल करने का आदेश दिया था.

author-image
nitu pandey
New Update
साइरस मिस्त्री की बहाली के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची टीसीएस

साइरस मिस्त्री( Photo Credit : फाइल फोटो)

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने एनसीएलटी के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिसमें उसने साइरस पालोनजी मिस्त्री को कंपनी के निदेशक के रूप में फिर से बहाल करने का आदेश दिया था. टीसीएस ने एक नियामकीय फाइलिंग में कहा, 'कंपनी ने राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के 18 जनवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में तीन जनवरी को चुनौती दी है, जिसमें उसने साइरस मिस्त्री को बाकी बचे कार्यकाल के लिए फिर से बहाल करने का आदेश दिया था.'

Advertisment

पिछले महीने एनसीएलटी ने मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर बहाल करने का आदेश दिया था और साथ ही कहा था कि इस पद पर एन. चंद्रशेखरन की नियुक्ति अवैध है. इस फैसले के खिलाफ टाटा संस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

टाटा संस के अलावा रतन टाटा ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर एनसीएलटी के आदेश को रद्द करने की अपील की थी औेर अब टीसीएस ने इसके खिलाफ अपील की है.

टाटा संस के पूर्व प्रमुख रतन टाटा ने आरोप लगाया कि टाटा संस के चेयरमैन बनने के बाद भी हितों के टकराव की वजह से मिस्त्री अपने को परिवार के व्यवसाय से अलग नहीं करना चाहते थे.

टाटा संस द्वारा एनसीएलएटी के 18 दिसंबर के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती देने के एक दिन बाद टाटा संस के पूर्व प्रमुख सुप्रीम कोर्ट पहुंचे.

इसे भी पढ़ें:कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे में सिखों पर हमले की निंदा की

रतन टाटा ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा कि टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति के लिए मिस्त्री के लिए उनके पारिवारिक व्यवसाय शापूरजी पालोनजी ग्रुप से अलग होना पूर्व शर्त थी.

याचिका में कहा गया, 'विभिन्न मोर्चो पर साइरस मिस्त्री, टाटा संस के चेयरमैन होने के बाद भी अपने पारिवारिक व्यवसाय से अलग होने को लेकर अनिच्छुक दिख रहे थे, जो उनके टाटा संस के चेयरमैन के रूप में नियुक्ति की एक पूर्व शर्त थी.'

और पढ़ें:योगी आदित्यनाथ ने प्रियंका गांधी पर किया हमला, पूछा- उपद्रवियों-दंगाइयों के साथ इतनी सहानुभूति क्यों?

याचिका में कहा गया है कि मिस्त्री के नेतृत्व में विभिन्न मोर्चो पर कमी थी और उनको हटाने के पहले उनके व टाटा ट्रस्ट के बीच संबंध प्रतिकूल हो गए थे. टाटा ने यह भी कहा कि टाटा ट्रस्ट ने दृढ़ता से महसूस किया कि मिस्त्री भविष्य में टाटा संस को मजबूत नेतृत्व प्रदान नहीं कर सकते.

Source : IANS

Supreme Court tcs Cyrus Mistry
      
Advertisment