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तमिलनाडु विधानसभा से द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के विधायकों को बाहर निकाले जाने के तरीके के विरोध में मरीना बीच पर पार्टी के प्रमुख एम.के.स्टालिन के नेतृत्व में प्रदर्शन कर रहे डीएमके के विधायकों को शनिवार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। डीएमके के कार्यकारी अध्यक्ष स्टालिन अपनी पार्टी के विधायकों के साथ मरीना बीच स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा के निकट धरने पर बैठे थे।
पुलिस ने बाद में डीएमके नेताओं को हिरासत में ले लिया। डीएमके समर्थकों ने घटनास्थल पर पुलिस के वाहनों को रोक दिया।वहीं, मरीना बीच से कुछ सौ मीटर की दूरी पर शशिकला के नेतृत्व वाला एआईएडीएमके का खेमा पलनीस्वामी के विश्वास मत हासिल करने को लेकर जीत का जश्न मना रहा था।
पलानीसामी, उनके मंत्री तथा एआईएडीएमके के अन्य लोग बीच पर पहुंचे और दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की समाधि पर उन्हें श्रद्धांजिल अर्पित की।
इससे पहले, स्टालिन ने प्रदेश के राज्यपाल सी.विद्यासागर राव से मुलाकात की और विधानसभा में घटित घटना के बारे में शिकायत की।
Speaker's agenda is to announce CM's success in getting confidence vote in DMK's absence;It's unconstitutional-MK Stalin in letter to TN Guv
— ANI (@ANI_news) February 18, 2017
सदन से उन्हें और उनकी पार्टी के विधायकों को निकाले जाने के बाद स्टालिन ने संवाददाताओं से कहा कि पार्टी ने मुख्यमंत्री ई.के.पलनीस्वामी की सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर गुप्त मतदान की मांग की थी।
Request TN Guv to restore democratic valuesℴ Assembly postponement fr conducting secret voting on Confidence Motion-MK Stalin in letter pic.twitter.com/rCUyKapQmN
— ANI (@ANI_news) February 18, 2017
उन्होंने कहा कि पार्टी ने सदन की कार्यवाही एक सप्ताह तक स्थगित करने की मांग की थी, ताकि विधायक वापस अपने निर्वाचन क्षेत्र में जाएं और विश्वास मत के लिए मतदान करने से पहले जनता की राय जानें।
स्टालिन ने आरोप लगाया कि उन्हें मार्शलों के माध्यम से जबरदस्ती बाहर निकलवा दिया गया। इस दौरान उन्हें चोटें आईं और कमीज भी फट गई।
उन्होंने यह भी कहा कि सदन से बाहर निकालने के दौरान मार्शलों ने उनके विधायकों के साथ बदतमीजी भी की।
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Source : IANS