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एम के स्टालिन (फाइल फोटो)
तमिलनाडु में एआईएडीएमके (ऑल इंडिया अन्नाद्रमुक) की सरकार अब मुश्किल में पड़ती दिखाई दे रही है। प्रमुख विपक्षी दल द्रमुक ने अन्नाद्रमुक की सरकार के अल्पमत में होने का दावा करते हुए तत्काल शक्ति परीक्षण कराए जाने की मांग की है।
द्रमुक ने कहा है कि अगर राज्यपाल ने हफ्ते भर के भीतर विधानसभा का सत्र नहीं बुलाया तो वह कोर्ट जाने की संभावनाओं पर विचार करेंगे।
राज्यपाल से मिलने के बाद स्टालिन ने कहा, 'हमने तमिलनाडु विधानसभा में शक्ति परीक्षण कराए जाने की मांग की है। राज्यपाल ने इस मामले में कार्रवाई किए जाने का वादा किया है।'
उन्होंने कहा, 'अगर उन्होंने हमारी मांग पर जवाब नहीं दिया तो हम कानूनी विकल्प पर विचार करते हुए लोगों के बीच जाएंगे।'
पिछले दरवाजे से सत्ता हासिल नहीं करेंगे: स्टालिन
स्टालिन ने राज्यपाल को विधायकों की संख्या के बारे में भी आंकड़ा दिया। स्टालिन ने बताया कि अन्नाद्रमुक में बगावत होने के बाद राज्य में विधायकों की संख्या का समीकरण बदल गया है और सरकार अल्पमत में आ गई है।
उन्होंने कहा कि द्रमुक के पास कुल 89 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के 8 और आईयूएमएमएल के एक विधायक हैं। इस आधार पर द्रमुक गठबंधन के कुल विधायकों की संख्या 98 बनती है वहीं अन्नाद्रमुक के बागी विधायकों की संख्या अब 21 हो चुकी है। इन सभी को मिलाकर कुल संख्या 119 होती है जबकि 234 सीटों वाले विधानसभा में सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 117 है।
गौरतलब है कि अन्नाद्रमुक के दो गुटों द्वारा जेल में बंद पार्टी महासचिव वी के शशिकला व उनके भतीजे टी टी वी दिनाकरन को दरकिनार कर विलय करने के एक हफ्ते बाद ही सरकार के वजूद को लेकर संकट खड़ा हो गया है।
एआईएडीएमके के तीसरे गुट की अगुवाई दिनाकरन कर रहे हैं। दिनाकरन के साथ अब 21 विधायक हैं।
तमिलनाडु संकट: द्रमुक ने की राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग, 21 विधायकों के समर्थन वापसी का दावा
HIGHLIGHTS
- तमिलनाडु में एआईएडीएमके की सरकार अब मुश्किल में पड़ती दिखाई दे रही है
- राज्यपाल को DMK का अल्टीमेटम, नहीं हुआ शक्ति परीक्षण तो जाएंगे कोर्ट
Source : News Nation Bureau