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File Photo- Getty Image
नागालैंड में एक नाटकीय राजनीतिक घटनाक्रम में शनिवार को सत्तारूढ़ नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने प्रदेश के एकमात्र लोकसभा सांसद नेफियू रियो को पार्टी के विधायक दल के नए नेता के रूप में अपना समर्थन दिया।
इस घटनाक्रम के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री टी.आर.जेलियांग का पद से हटना लगभग तय हो गया है। यह राजनीतिक घटनाक्रम पार्टी के विधायकों और निर्दलीय विधायकों सहित 50 से अधिक विधायकों द्वारा रियो के पक्ष में एक पत्र पर हस्ताक्षर करने के बाद सामने आया है।
नागालैंड विधानसभा में कुल 60 सीटें हैं।
निर्दलीय विधायकों के साथ एनपीएफ के विधायक असम स्थित काजीरंगा नेशनल पार्क के एक रिसॉर्ट में डेरा डाले हुए हैं। उम्मीद है कि सत्ता हस्तांतरण के लिए जेलियांग तथा रियो बाद में मुलाकात कर सकते हैं।
लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री तोखेहो येपथोमी ने आईएएनएस से कहा, 'निर्दलीय तथा एनपीएफ को मिलाकर कुल 50 से अधिक विधायकों ने पार्टी के विधायक दल के नए नेता के रूप में रियो का समर्थन करने का फैसला किया है।'
इससे पहले, आंदोलनकारी समूहों तथा सरकार के बीच गतिरोध तोड़ने के लिए बुधवार को 49 में से 42 विधायकों ने विधायक दल के नए नेता के रूप में एनपीएफ के सुप्रीमो शुरहोजेलिए लीजित्सू को सर्वसम्मति से समर्थन करने का फैसला लिया था।
कुछ कैबिनेट मंत्रियों सहित करीब 20 विधायकों का समूह शुरहोजेले लीजित्सू को विधायक दल का नेता बनाने के विरोध में हैं।
राज्य के 60 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक अलायंस ऑफ नागालैंड गठबंधन सरकार में एनपीएफ के 48 विधायक हैं, जिनमें निलंबित विधायक इमकोंग इमचेन, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के चार तथा आठ निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
राज्य में सत्ता परिवर्तन की पटकथा निकाय चुनावों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के मुद्दे से शुरू हुई थी। शांतिपूर्ण आंदोलन ने बाद में हिंसा का रूप धारण कर लिया। मुख्यमंत्री जेलियांग ने आंदोलन को रोकने की पूरी कोशिश की, लेकिन आंदोलनकारी सरकार के इस्तीफे की मांग पर अड़ गए।
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Source : IANS