राज्य सरकार के साथ टकराव की राह पर चल रहे तमिलनाडु के राज्यपाल आर.एन. रवि बुधवार को दो दिवसीय दिल्ली दौरे पर रवाना हो गए।
राज्यपाल रवि की टिप्पणी कि तमिलनाडु के बजाय राज्य को तमिझगम के रूप में संबोधित किया जाना चाहिए, इसने सत्तारूढ़ डीएमके और उसके सहयोगियों के साथ एक विवाद पैदा कर दिया है। विरोध-प्रदर्शन में राज्यपाल का पुतला भी जलाया गया।
सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि राज्यपाल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे और सदन से उनके वॉकआउट समेत राज्य विधानसभा में हाल की घटनाओं पर उन्हें जानकारी देंगे।
अभिभाषण के दौरान राज्यपाल ने सीएन अन्नादुरई और एम करुणानिधि के साथ-साथ द्रविड़ विचारक, पेरियार और भारतीय संविधान के निमार्ता डॉ बीआर अंबेडकर सहित डीएमके दिग्गजों की प्रशंसा करने वाले कुछ अंशों को छोड़ दिया था।
एक दिन बाद, 13 जनवरी को डीएमके सांसदों के एक समूह ने टी.आर. बालू के नेतृत्व में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और एक याचिका प्रस्तुत की, जिसमें कहा गया कि राज्यपाल संविधान का उल्लंघन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी सौंपा गया।
जब से आर.एन. रवि ने तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में पदभार ग्रहण किया, राज्य सरकार के साथ नियमित टकराव होते रहे हैं।
डीएमके और उनके सहयोगियों का कहना है कि राज्यपाल तमिलनाडु सरकार पर केंद्र सरकार के हुक्म को थोपने की कोशिश कर रहे हैं, जो शासन की संघीय व्यवस्था में अनावश्यक है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS