तमिलनाडु में जारी सियासी संकट के बीच सभी की नजरें राज्यपाल भवन पर टिकी हैं। राज्यपाल विद्यासागर राव क्या फैसला लेते हैं, यह देखना अहम होगा। इसी हफ्ते तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता से जुड़े अघोषित आय के मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आना है और जाहिर है कि इसका असर चेन्नई की राजनीति पर नजर आएगा।
इसलिए अब सवाल उठने लगे हैं कि वाकई क्या सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार हो रहा है। गवर्नर ने अभी तक न तो पन्नीरसेल्वम को और न ही शशिकला नटराजन को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है।
क्या है सुप्रीम कोर्ट के फैसले का 'शशिकला कनेक्शन'
जयललिता पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में शशिकला भी सह आरोपी हैं। यह मामला 1996 में सामने आया। आरोप लगा कि जयललिता ने 1991 से 1996 के बीच 66 करोड़ से भी ज्यादा संपत्ति जमा की जो उनके आया से बहुत ज्यादा था।
2014 में बेंगलुरू की एक अदालत ने उन्हें और जयललिता को इस मामले में दोषी पाया था और चार साल की सजा सुनाई थी।
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तब जयललिता को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा था और उन्होंने पन्नीरसेल्वम को कुर्सी सौंपी। हालांकि, पिछले साल 2016 के चुनावों में जीत हासिल कर जयललिता दोबारा सत्ता में वापस लौटीं। जयललिता को हाई कोर्ट से बरी किए जाने के बाद कांग्रेस ने साल 2015 में सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का क्या होगा असर
हाल में पन्नीरसेल्वम ने जब इस्तीफा दिया और फिर बगावत की तब लगा कि शशिकला आसानी से पार्टी पर कब्जा जमाने में कामयाब होंगी। लेकिन, धीरे-धीरे पन्नीरसेल्वम के समर्थन में आवाजें उठनी लगीं।
आलम यह है कि पन्नीरसेल्वम मज़बूत होते नज़र आ रहे हैं। पन्नीरसेल्वम को समर्थन देने वालों में रोज नए बड़े नाम जुड़ रहे हैं। उनके समर्थन में तीन और सांसद आ गए हैं। वहीं शशिकला कैंप में बेचैनी बढ़ती जा रही है। वो अभी भी गवर्नर के सरकार बनाने के बुलावे के इंतजार में हैं।
ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला अगर शशिकला के खिलाफ आता है तो हो सकता है कि पन्नीरसेल्वम के लिए समर्थन और बढ़ जाए। शशिकला मुख्यमंत्री पद के लिए अयोग्य हो जाएंगी। साथ ही जेल से निकललने के छह साल बाद तक वह चुनाव नहीं लड़ सकेंगी।
यह सब कुछ पन्नीरसेल्वम के लिहाज से अच्छा है। इस समय ओ पन्नीरसेल्वम के साथ अब 10 सांसद जिनमे 8 लोकसभा और 2 राज्यसभा के हैं आ चुके हैं वहीं 6 विधायक पहले से ही उनके समर्थन में हैं।
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शशिकला लगा चुकी हैं 'साजिश' का आरोप
शशिकला आरोप लगा चुकी हैं कि पार्टी में फूट डालने की कोशिश हो रही है। शशिकला के मुताबिक, 'जानबूझकर देरी की जा रही है ताकि पार्टी में फूट कराने का मौक मिल सके।'
सुप्रीम कोर्ट अगर हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखती है तो भी शशिकला के लिए खतरे की घंटी है और अगर कोई नई बात भी कही जाती है तो भी शशिकला के लिए सबकुछ आसान नहीं होगा।
संभव है कि सुप्रीम कोर्ट मामले की फिर से सुनवाई के लिए केस को कर्नाटक हाई कोर्ट भेज दे क्योंकि मुख्य आरोपी जयललित अब इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में भी शशिकला के लिए राह आसान नहीं होगी।
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HIGHLIGHTS
- सुप्रीम कोर्ट का फैसला खिलाफ आया तो शशिकला मुख्यमंत्री के लिए हो जाएंगी अयोग्य
- जेल से निकलने के बाद छह साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगी शशिकला
- कोर्ट के फैसला बताएगा, किस ओर जाएगी तमिलनाडु की राजनीति
Source : News Nation Bureau