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स्टालिन ने वन्नियार कोटा का आदेश जारी कर पीएमके को लुभाया

स्टालिन ने वन्नियार कोटा का आदेश जारी कर पीएमके को लुभाया

Updated on: 27 Jul 2021, 08:10 PM

चेन्नई:

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन जाहिर तौर पर वन्नियार समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण का सरकारी आदेश जारी करके अन्नाद्रमुक गठबंधन सहयोगी पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। पीएमके वन्नियार समुदाय की राजनीतिक शाखा है।

द्रमुक सरकार ने सोमवार को 26 फरवरी को पूर्वव्यापी प्रभाव से सबसे पिछड़ी जातियों (एमबीसी) के भीतर वन्नियार समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण के संबंध में आदेश जारी किया था।

पिछली अन्नाद्रमुक सरकार ने फरवरी 2021 में अधिनियम पारित किया था और सरकार के आदेश में यह भी कहा गया था कि एमबीसी कोटे के भीतर विशेष आरक्षण इस शैक्षणिक वर्ष से व्यावसायिक पाठ्यक्रमों सहित सभी शैक्षिक कार्यक्रमों पर लागू होगा।

आदेश जारी होने के बाद पीएमके नेता डॉ. एस. रामदास ने मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा किया।

अन्नाद्रमुक के भीतर पीएमके के साथ राजनीतिक गठबंधन और वन्नियार समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण के कानून को लेकर कई मुद्दे थे। ओ. पनीरसेल्वम सहित कई अन्नाद्रमुक नेता एमबीसी कोटे के भीतर वन्नियारों के लिए आरक्षण के खिलाफ सामने आए थे। इसी कारण अन्य समुदाय 2021 के चुनावों में अन्नाद्रमुक से दूर हो गए।

एक पर्यवेक्षक का कहना है, एक चतुर राजनेता होने के नाते स्टालिन जानता है कि जिस पीएमके के साथ द्रमुक का पहले गठबंधन था, वह अरकोनम क्षेत्र सहित उत्तरी तमिलनाडु में पार्टी को बड़ी संख्या में वोट हासिल करने में मदद करेगी।

हालांकि ये एक साथ आने की संभावना के शुरुआती दिन हैं, मगर राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि लंबे समय में पीएमके इस तरह के गठबंधन से दूर नहीं रह सकती। मोदी सरकार के हालिया कैबिनेट फेरबदल में केंद्रीय मंत्री पद के लिए पार्टी युवा विंग के नेता अंबुमणि रामदास पर विचार नहीं किए जाने से भी पीएमके खुश नहीं है।

यह अन्नाद्रमुक के भीतर ओ. पन्नीरसेल्वम और एडप्पादी के. पलानीस्वामी के साथ आंतरिक कलह के साथ जुड़ा है।

चेन्नई स्थित एक थिंक टैंक सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज के निदेशक सी. राजीव ने आईएएनएस को बताया, द्रमुक सरकार द्वारा वन्नियार समुदाय के लिए 10.5 प्रतिशत आरक्षण के संबंध में पूर्वव्यापी प्रभाव से एक जीओ जारी करना पीएमके को तत्काल पाले में लाने की कोशिश नहीं है, बल्कि यह एक संभावना है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.