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तालिबान के पास 85 फीसदी देशों से ज्यादा ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर हैं

तालिबान के पास 85 फीसदी देशों से ज्यादा ब्लैक हॉक हेलिकॉप्टर हैं

Updated on: 30 Aug 2021, 10:45 PM

नई दिल्ली:

अमेरिकी रिपब्लिकन कांग्रेसी जिम बैंक्स ने खुलासा किया है कि तालिबान के पास अब दुनिया के 85 फीसदी देशों से ज्यादा ब्लैक हॉक हेलीकॉप्टर हैं।

अफगानिस्तान में हथियारों की आपूर्ति के प्रभारी अधिकारी के रूप में सेवा करने वाले बैंकों ने कहा, इस प्रशासन की लापरवाही के कारण तालिबान के पास अब 85 अरब डॉलर मूल्य के सैन्य उपकरण हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उग्रवादी समूह का रैग-टैग गुरिल्ला बल से अत्यधिक पेशेवर, प्रभावशाली रूप से सुसज्जित सेना में परिवर्तन पश्चिमी करदाताओं की कीमत पर हुआ है।

ब्रिटेन और अमेरिका ने न केवल महंगे हार्डवेयर के लिए टैब उठाया है, बल्कि प्रशिक्षण बजट भी बढ़ाया है, क्योंकि तालिबान के रैंकों में अफगान राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के दलबदलुओं की आमद हो गई है।

ऐसा प्रतीत होता है कि समूह ने यूएस ग्रीन बेरेट्स के पक्ष में अत्याधुनिक एमबीआईटीआर-2 (मल्टी-बैंड इंट्राटेम रेडियो) में खुद की मदद की है, लेकिन अधिकांश पारंपरिक ब्रिटिश कर्मियों को लेने से इनकार किया है। उनकी भर्ती अफगान सरकारी बलों के लिए की गई थी।

इसके अलावा, उनके हथियार बेदाग साफ और अच्छी तरह से बनाए हुए दिखाई देते हैं, उनकी वर्दी धुली और इस्त्री की हुई दिखती है और वे अपने हथियार ले जाते हैं, जैसे कि ब्रिटिश सैनिकों को हथियार ले जाना सिखाया जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि समूह की उपस्थिति और क्षमता में परिवर्तन शायद ही अधिक विशद या परेशान करने वाला हो।

सैंडल और शलवार कमीज की जगह कॉम्बैट बूट्स और सिलवाए गए छलावरण वर्दी ने ले ली है।

पुराने एके47 कहीं नहीं दिख रहे हैं। इसके बजाय आज का तालिबान शस्त्रागार से टेलिस्कोपिंग स्टॉक के साथ यूएस ग्रीन बेरेट-इश्यू ट4 कार्बाइन ले जाता है।

15 साल पहले के तालिबान शायद ही कभी हेलमेट पहने देखे जाते थे, लेकिन आज उनका हेडवियर अधिकांश ब्रिटिश सैनिकों द्वारा पहने जाने वाले हेडवियर की तुलना में अधिक महंगा और उन्नत है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.