तालिबान (taliban) ने सोमवार को कहा कि वह आंशिक संघर्ष विराम खत्म करने के साथ ही अफगान सुरक्षा बलों के खिलाफ आक्रामक अभियान फिर शुरू करने जा रहा है. इस आंशिक संघर्ष विराम की घोषणा चरमपंथियों और वाशिंगटन के बीच समझौते पर दस्तखत होने से पहले की गई थी. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा, 'हिंसा में कटौती...अब खत्म हो गयी है और हमारा अभियान सामान्य रूप से जारी रहेगा.'
उन्होंने कहा, 'समझौते (अमेरिका-तालिबान) के मुताबिक, हमारे मुजाहिदीन विदेशी बलों पर हमला नहीं करेंगे लेकिन काबुल के प्रशासन वाले बलों के खिलाफ हमारा अभियान जारी रहेगा.'
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अमेरिका ने दी थी पहले ही ये धमकी
बता दें कि एक दिन पहले दोहा में लंबे दौर के बाद अमेरिका और तालिबान के बीच समझौता हुआ था. लेकिन समझौते के एक दिन बाद ही तालिबान ने समझौता तोड़ दिया. हालांकि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही साफ कर दिया था कि अगर कुछ गलत हुआ तो वो वापस इतनी सेना भेजेंगे कि कोई सोच नहीं पाएगा.
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समझौते के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप मीडिया से मुखातिब हुए थे. उन्होंने कहा था कि वो जल्द ही तालिबानी नेताओं से मुलाकात करेंगे, ये ऐतिहासिक मौका है.
अफगानिस्तान में अमेरिका के 13 हजार से अधिक जवान हैं
लेकिन तालिबान के इस फैसले के बाद अमेरिका किस तरह रिएक्ट करती है उसपर सबकी नजर होगी. बता दें कि इस वक्त अफगानिस्तान में अमेरिका के 13 हजार से अधिक जवान हैं, अमेरिका पिछले करीब 18 साल से वहां पर लड़ाई लड़ रहा है.
(इनपुट भाषा)