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अफगान सैनिकों व पुलिस कमांडरों की कब्रों को नष्ट कर रहा तालिबान

अफगान सैनिकों व पुलिस कमांडरों की कब्रों को नष्ट कर रहा तालिबान

Updated on: 01 Jan 2022, 10:55 PM

नई दिल्ली:

तालिबानी लड़ाके युद्ध के दौरान मारे गए अफगानी सैनिकों व पुलिस कमांडरों की कब्रों को बर्बाद कर रहे हैं। तालिबान ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान समूह के खिलाफ लड़ने वाले योद्धाओं के स्मारकों को भी नुकसान पहुंचाया है।

आरएफई/आरएल की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल अगस्त में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से, अफगानिस्तान में तालिबान आतंकवादियों पर अफगान सेना और पुलिस कमांडरों की कब्रों को तोड़ने या नष्ट करने का आरोप लगाया गया है।

तालिबान ने कथित तौर पर 1990 के दशक में सत्ता में अपने पहले कार्यकाल के दौरान समूह से लड़ने वाले लोगों को समर्पित स्मारकों को भी अपवित्र किया है।

जहां कट्टर समूह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं, वहीं तालिबान ने ऐसी कई घटनाओं के लिए जिम्मेदारी से इनकार किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि ताजा घटनाक्रम में तालिबान लड़ाकों पर 26 दिसंबर को दक्षिणपूर्वी प्रांत पक्तिका में पूर्व पुलिस कमांडर दरया खान तलाश की कब्र पर बमबारी करने का आरोप लगाया गया है।

खान 2020 में पक्तिका के सरोबी जिले में तालिबान द्वारा सड़क किनारे लगाए गए बम विस्फोट से मारा गया था। उसने कथित तौर पर तालिबान के खिलाफ युद्ध में अपने चार भाइयों को खो दिया था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान लड़ाकों पर 17 दिसंबर को तखर प्रांत में उत्तरी अफगानिस्तान के पूर्व गवर्नर और पूर्व पुलिस प्रमुख मोहम्मद दाऊद की कब्र को अपवित्र करने का भी आरोप लगाया गया है।

दाऊद 2011 में तखर की राजधानी तालोकान में तालिबान के आत्मघाती हमले में मारा गया था। 2001 में अमेरिका के नेतृत्व वाले आक्रमण के बाद, दाऊद ने उत्तरी शहर कुंदुज में हजारों तालिबान लड़ाकों के आत्मसमर्पण प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाई थी। वह जमीयत-ए इस्लामी में एक कमांडर था - एक राजनीतिक-सैन्य इस्लामी समूह - जिसने 1996 से 2001 तक तालिबान शासन का विरोध किया था।

निर्वासित अफगान पत्रकार बिलाल सरवरी ने कहा कि दाऊद के परिवार ने पुष्टि की है कि उसकी कब्र को तोड़ा गया है, लेकिन तालिबान ने इस दावे को खारिज कर दिया।

इस बीच, तालिबान पर 31 अक्टूबर को दक्षिणपूर्वी प्रांत पक्तिका में एक बम विस्फोट में कर्नल अजीजुल्लाह कारवां की कब्र को नष्ट करने का आरोप लगाया गया है।

तालिबान ने जून 2018 में कारवां की हत्या कर दी थी। वह अफगान नेशनल पुलिस की विशेष बल इकाई में कर्नल थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि वह उससे पहले तालिबान की हत्या के दर्जनों प्रयासों से बच गए थे।

सितंबर में ऐसा वीडियो भी सामना आया था, जिसमें तालिबानी लड़ाकों को काबुल के उत्तर में पंजशीर घाटी में प्रतिरोधी नेता अहमद शाह मसूद के मकबरे को नुकसान पहुंचाते हुए दिखा गया था।

सितंबर की शुरूआत में तालिबान द्वारा पहाड़ी घाटी पर कब्जा करने के तुरंत बाद फुटेज सामने आया था, जो आतंकवादियों के लिए एक अल्पकालिक प्रतिरोध का केंद्र बना हुआ था।

यह बर्बरता मसूद की मौत की 20वीं वर्षगांठ पर हुई। मसूद ने 1990 के दशक में तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। अमेरिका पर 11 सितंबर के हमले से कुछ दिनों पहले ही अलकायदा ने उनकी हत्या कर दी थी। तालिबान ने हालांकि सार्वजनिक हंगामे के बाद मसूद के मकबरे की मरम्मत भी करानी पड़ी।

तालिबान के आंतरिक मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के छोटे भाई अनस हक्कानी ने तालिबान लड़ाकों से अपने व्यक्तिगत बदला और ईष्र्या से छुटकारा पाने का आग्रह किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 दिसंबर को अफगानिस्तान पर सोवियत आक्रमण की 42वीं वर्षगांठ के अवसर पर, हक्कानी ने चेतावनी दी थी कि अगर तालिबान शासन क्रूर बल के माध्यम से शासन करने की कोशिश करता है तो वह ध्वस्त हो जाएगा।

उन्होंने कहा था, एक काफिर सरकार के टिकने की संभावना है, लेकिन एक दमनकारी शासन नहीं टिकेगा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.