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भारत में अफगान सैन्य अधिकारियों को तालिबान का डर, कहा-देश लौटे तो जिंदा नहीं बचेंगे

अफगान आर्मी अधिकारियों का कहना है कि वतन में उनके घरों को बबार्द कर दिया गया है. वहां हालात बेहद बदतर बने हुए हैं.

Updated on: 28 Nov 2021, 12:34 PM

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान के बदतर हालत के कारण भारत में मौजूद अफगान अफसरों को अपनी वापसी का डर सता रहा है. प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने भारत आए अफगानिस्तान के आधा दर्जन से ज्यादा सेना अधिकारियों ने वतन लौटने से इनकार कर दिया है. अधिकारियों को डर है कि अफगानिस्तान लौटने पर तालिबान उन्हें मौत के घाट उतार देगा. इन अधिकारियों ने शनिवार को दिल्ली स्थित अफगानिस्तान एम्बेसी के बाहर हंगामा काटा. सूत्रों के अनुसार, अफगान आर्मी अधिकारियों का कहना है कि वतन में उनके घरों को तबाह कर दिया गया है. वहां हालात खराब हैं. उनका कहना है कि हम अमेरिकी वीजा चाहते हैं, लेकिन हमें यूएस का वीजा नहीं दिया जा रहा है. हम कई दिनों से दिल्ली में इस वीजा के लिए लगातार भटक रहे हैं. मामले को तूल मिलता देखकर चाणक्यपुरी थाने की पुलिस और अफसर पहुंचे. पुलिस ने दखल देकर अफगान एंबेसी के अफसरों से आर्मी अफसरों को मिलवाया.

चार दिन पहले ही ये दिल्ली पहुंचे

अफगानिस्तान से ये सभी अधिकारी उस समय भारत में आए थे, जब यहां पर तालिबान का कब्जा नहीं था. इनमें सात अफगान उम्मीदवार को चेन्नै में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी में प्रशिक्षण दिया गया. ये उम्मीदवार वहां भारतीय कैडेट के साथ इंटिग्रेटेड आर्मी ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा थे. सूत्रों के अनुसार, 124 जेंटलमैन कैडेट्स, 29 महिला कैडेट्स और विदेशी राष्ट्रों के 25 कैडेट्स ने शनिवार को चेन्नै में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी में पासिंग आउट परेड में भाग लिया. चार दिन पहले ही ये दिल्ली पहुंचे हैं.

ये 23 नवंबर को सबसे पहले अमरीकी एंबेसी गए थे, जहां आर्मी ऑफिसर्स ने यूएस वीजा के लिए अप्लाई किया, लेकिन वहां से कोई सहायता नहीं मिली. मौजूदा समय में 80 से अधिक अफगान कैडेट्स ट्रेनिंग ले रहे हैं. फिलहाल अफगान कैडेट्स को यूएस वीजा मिलने में जो दिक्कतें आ रही हैं, उनको दूर करने के लिए एंबेसी के अधिकारी जुटे हैं.