दिल्ली के वायु प्रदूषण को जटिल, बहुआयामी चुनौती बताते हुए सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) से न केवल पूरे वर्ष वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सक्रिय रूप से बहु-आयामी उपाय करने का आग्रह किया गया है, बल्कि शिकायतों का जवाब देने की अपील भी की है।
सीपीआर ने एक शोध रिपोर्ट के अधार पर कहा, वायु प्रदूषण एक जटिल, बहुआयामी चुनौती है और इस चुनौती से पिपटने के लिए सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श, बहु-क्षेत्रीय, दीर्घकालिक रणनीति की जरूरत है। आयोग को पूरे वर्ष वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सक्रिय रूप से बहुआयामी उपाय करने चाहिए।
सीपीआर ने जोर देकर कहा, इसमें प्रदूषण के सभी स्रोतों की पहचान करना और साल भर इन स्रोतों से उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रमुख उपायों को परिभाषित करना शामिल होगा, जो कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) जैसे आपातकालीन उपायों पर निर्भरता को कम करेगा।
सुझाव दिया गया है कि इस क्षेत्र में स्रोतों की स्थानिक विविधता यह भी मांग करती है कि सीएक्यूएम एक शहरी-केंद्रित वायु गुणवत्ता प्रबंधन दृष्टिकोण को छोड़ दे, और इसके बजाय ग्रामीण और उप-शहरी क्षेत्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित करे।
इसके अलावा, सीएक्यूएम ने हाल ही में संशोधित न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य 2026 तक परिवेशी वायु प्रदूषण के स्तर को काफी कम करना है।
सीपीआर ने अपने दूसरे बिंदु में उल्लेख किया, इन महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी एजेंसियों द्वारा कार्यों की नियमित समीक्षा की एक विश्वसनीय प्रक्रिया की आवश्यकता होगी, समय पर और उचित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जवाबदेही के परिभाषित ढांचे के साथ-साथ अंतरिम लक्ष्यों और सफलता के मार्करों का मूल्यांकन किया जाएगा।
सीपीआर ने कहा कि सीएक्यूएम को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसके कामकाज के साथ-साथ इसके द्वारा जारी किए गए निर्णयों/निर्देशों से संबंधित सभी जानकारी सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराई जाए और लोगों के लिए आसानी से सुलभ हो।
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Source : IANS