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'कालाधन से चल रहा तबलीगी जमात, मौलाना साद की संपत्ति जब्त करे सरकार'

भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वकील अश्वनी उपाध्याय ने कालाधन से तबलीगी जमात की गतिविधियां चलने का आरोप लगाते हुए दिल्ली मरकज के सर्वेसर्वा मौलाना साद (Maulana Mohammad Saad) की संपत्तियां जब्त करने की मांग की है.

Updated on: 03 Apr 2020, 07:26 AM

highlights

  • तबलीगी जमात पर बीजेपी नेताओं के तेवर हुए कड़े.
  • जमात पर हवाला से कालाधन प्राप्त करने का आरोप.
  • ईडी और इनकम टैक्स विभाग से जांच का आग्रह.

नई दिल्ली:

दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज (Nijamuddin Markaz) में तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के आयोजन में शामिल हुए कई सदस्यों के कोरोना वायरस (corona Virus) संक्रमित निकलने के बाद इस संस्था पर कार्रवाई की मांग उठने लगी है. भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के वकील अश्वनी उपाध्याय ने कालाधन से तबलीगी जमात की गतिविधियां चलने का आरोप लगाते हुए दिल्ली मरकज के सर्वेसर्वा मौलाना साद (Maulana Mohammad Saad) की संपत्तियां जब्त करने की मांग की है. भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने ट्वीट कर कहा, 'जमात के मुखिया और आयोजकों का विदेशों में कनेक्शन है और इनके पास करोड़ों की नामी बेनामी चल अचल संपत्ति है. इसलिए इनके खिलाफ कालाधन बेनामी संपत्ति और आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कराना चाहिए. चरमंथी जमात पर पूर्णप्रतिबंध बहुत जरूरी है.'

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हवाला से मिल रहा कालाधन
उपाध्याय ने आरोप लगाया कि सिमी और पीएफआई की तरह जमात को भी हवाला के जरिये कालाधन मिलता है, इसलिए ईडी और इनकम टैक्स विभाग को भी जांच शुरू करना चाहिए. जमाती सच नहीं बोलेंगे और मानवाधिकार के डर से पुलिस नहीं पीटेगी इसलिए नार्को पॉलीग्राफ ब्रेनमैपिंग कानून बनाना चाहिए. उपाध्याय ने मौजूदा कानूनों में बदलाव की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि यदि वर्तमान कानून नहीं बदला गया तो डॉक्टरों पर हमला करने वाले और जमात के मुखिया को अधिकतम 2 साल की सजा होगी. क्या यह पर्याप्त है? बलात्कारियों की तरह ही चरमपंथियों को भी आजीवन कारावास की सजा देने के लिए तुरंत अध्यादेश लाना चाहिए.

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अस्पताल में भी बात नहीं आ रहे जमाती
भाजपा नेता ने कहा कि आईपीसी 1860 में बना, पुलिस ऐक्ट 1861 में और एविडेंस एक्ट 1872 में बना. महामारी रोग का कानून भी 1897 का अब तक चला आ रहा है. ऐसे में मौजूदा कानूनों में समय के साथ बदलाव जरूरी है. गौरतलब है कि सरकारी दबाव के बाद सामने आए जमात के सदस्य अब अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी अपनी घिनौनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. गाजियाबाद के एमएमजी में भर्ती जमाती लगातार अस्पताल स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं. इतना ही नहीं ये लोग नर्सों के सामने ही कपड़े बदलने के लिए कपड़े खोल देते हैं. अब जिला प्रशासन इन लोगों को जेल की बैरक में बंद करने पर विचार कर रहा है.