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Tablighi Jammat Case : रेड डालने फार्महाउस पहुंची क्राइम ब्रांच को नहीं मिला मौलाना साद

निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद के शामली डिस्ट्रिक्ट के पास कांधला के फार्म हाउस पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम रेड डालने के लिए पहुँची है. क्राइम ब्रांच कि टीम थोड़ी देर में रेड डालने की कार्यवाही शुरू करेगी.

Updated on: 23 Apr 2020, 03:41 PM

नई दिल्ली:

निजामुद्दीन मरकज के मौलाना साद के शामली डिस्ट्रिक्ट के पास कांधला के फार्म हाउस पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम रेड डालने के लिए पहुंची है. क्राइम ब्रांच की टीम रेड डालने फार्महाउस पहुंची, लेकिन वहां मौलाना साद नहीं मिला. इस दौरान क्राइम ब्रांच की टीम अपनी सुरक्षा के लिए पीपीई किट में पहुंची है. इससे पहले क्राइम ब्रांच के कहने पर मौलाना साद ने अपनी कोरोना जांच भी कराई है. हालांकि, अभी कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं आई है.

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इससे पहले ED ने तबलीगी जमात के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर मौलाना साद के करीबी 3 लोगों से पूछताछ की थी. ये तीनों मरकज से जुड़े हैं और मरकज के वित्तीय मामले देखते है. ED ने 3 और लोगो को आगे पूछताछ में शामिल होने के लिए समन जारी किया है. मौलाना साद से पूछताछ से पहले ईडी की टीम समझना चाहती है कि कैसे मरकज को चलाया जाता था. उसका फाइनेंशियल चेन कैसा है.

ED ने पूछे ये सवाल

  • मरकज के पैसों की देखभाल कौन करता था?
  • यह पैसे कहां से और कैसे आते हैं?
  • क्या यह पैसे डोनेशन के जरिए आते हैं?
  • विदेशी फण्ड कैसे आता था?
  • विदेशी फाइनेंसर को लोग किस व्यवसाय से हैं?
  • पैसे का हिसाब किताब कैसे रखा जाता था?
  • ट्रस्ट के अलावा मौलाना साद की कितनी संपत्ति है और ये कैसे अर्जित हुई?

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बता दें कि मौलाना साद (Maulana Saad) की गलती की वजह से देश में कोरोना ने तेजी से पैर फैलाया. मौलाना साद पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज हुआ है. मौलाना साद और उसके रिश्तेदार आलीशान जिंदगी जीते हैं. कांधला में मौलाना साद का आलीशान फार्म हाउस है.मौलाना साद के घर में सुख-सुविधाओं की तमाम चीजें हैं. घर में चारों तरफ कालीन बिछा हुआ है. मौलाना साद को लग्जरी गाड़ियां बेहद ही पसंद है. मौलाना साद को पुरानी चीजों के अलावा पशु पक्षियों को घर में रखने का शौक है.

तबलीगी जमात के 56 साल वर्षीय मुखिया का पूरा नाम मौलाना साद कंधालवी है. साद का जन्म 10 मई सन 1965 में हुआ था. मौलान साद की शिक्षा हजरत निजामुद्दीन के मरकज के मदरसा काशिफुल उलूम से हुई.

नवंबर 16, 2015 को मौलाना साद तबलीगी जमात के 'अमीर' बने जो कि दुनिया के करीब 150 देशों में फैली है.