पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हाल ही में एक जनसभा में मतुआ समुदाय के दो प्रतिष्ठित आध्यात्मिक नेताओं के नामों का गलत उच्चारण करने पर भाजपा, खास तौर पर विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के गुस्से का सामना करना पड़ा।
जनसभा 31 जनवरी को मालदा जिले के गजोले में आयोजित की गई थी, जहां मतुआ समुदाय के मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने समुदाय के कल्याण के लिए उनकी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का विवरण देते हुए दो प्रतिष्ठित मतुआ आध्यात्मिक नेताओं, हरिचंद ठाकुर और गुरुचंद ठाकुर के नामों का उल्लेख किया, लेकिन उनके नामों का गलत उच्चारण किया।
मतुआ अनुसूचित जाति पृष्ठभूमि से आने वाले बांग्लादेश के शरणार्थी हैं और उत्तर 24 परगना, नदिया और मालदा जिलों के कुछ हिस्सों में मतदाताओं के रुप में अहम योगदान देते हैं।
अधिकारी ने मतुआ समुदाय के दो आध्यात्मिक नेताओं के नामों के गलत उच्चारण की निंदा करते हुए एक ट्विटर पोस्ट किया और लिखा, मुख्यमंत्री ने सबसे सम्मानित आध्यात्मिक नेताओं, हरिचंद ठाकुर और गुरुचंद ठाकुर के नामों का गलत उच्चारण कर पूरे मतुआ समुदाय का अपमान किया है।
विपक्ष के नेता ने ट्विटर पोस्ट में कहा, उन्होंने अपने पूरे जीवन में मतुआ समुदाय को वोट बैंक माना है। उनकी अज्ञानता ने साबित कर दिया कि उन्होंने कभी भी समुदाय के लोगों का दिल से सम्मान नहीं किया। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।
पोस्ट में, उन्होंने उस जनसभा का एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें मुख्यमंत्री को दो आध्यात्मिक नेताओं के नामों का गलत उच्चारण करते हुए सुना जा सकता है। तृणमूल कांग्रेस अभी तक इस घटना पर पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए है।
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Source : IANS