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सचिन वाझे ने एनआईए पूछताछ से पहले लगाया था रहस्यमयी स्टेटस.( Photo Credit : न्यूज नेशन)
मुंबई में गुरुवार को एक विशेष अदालत ने सहायक पुलिस निरीक्षक (एपीआई) सचिन वाजे (Sachin Vaje) की एनआईए हिरासत 3 अप्रैल तक बढ़ा दी है, जो एसयूवी स्कॉर्पियो मामले में मुख्य आरोपी है. उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के पास एक महीना पहले विस्फोटकों से लदी एसयूवी कार स्कॉर्पियो खड़ी मिली थी. कार में एक धमकी भरा पत्र भी मिला था. इस मामले में वाजे मुख्य आरोपी है, जिसकी जांच फिलहाल राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) कर रही है. एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर-जनरल अनिल सिंह ने 15 दिनों तक वाजे की हिरासत के विस्तार की मांग करते हुए कहा कि एजेंसी ने वाजे के घर से 62 गोलियां जब्त की हैं, जिनका अभी तक कोई हिसाब नहीं है, क्योंकि उन्हें पुलिस विभाग ने केवल 30 गोलियां जारी की थीं.
उन्होंने दलील दी कि जब वाजे कथित तौर पर एंटीलिया के पास एसयूवी को लगाने के लिए गए थे, तो उन्होंने कथित तौर पर कई स्थानों के कुछ महत्वपूर्ण सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए और नष्ट कर दिए. इसके साथ ही सिंह ने कहा कि वाजे ने पांच सितारा होटल में जांच के लिए नकली आईडी कार्ड का इस्तेमाल किया. एनआईए ने पहले ही लगभग आधा दर्जन लग्जरी कारों को जब्त किया है और वाहनों से जले हुए कपड़े, मोबाइल फोन, अन्य नमूने और खून के निशान पाए गए हैं, जो अब डीएनए प्रोफाइलिंग और आगे की फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं.
वाजे की हिरासत बढ़ाए जाने की मांग करते हुए, एनआईए ने कहा कि वह उससे पूछताछ करना चाहती है और मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपियों के साथ उसका सामना कराके उसके बयानों को सत्यापित करना चाहती है. वाजे की एनआईए हिरासत गुरुवार को समाप्त हो गई थी, जिसके बाद उसे एक स्पेशल एनआईए कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. 25 फरवरी को एंटीलिया के पास मिली एसयूवी मामले में एजेंसी को वाजे को और नौ दिनों यानी तीन अप्रैल तक अपनी हिरासत में रखने की मंजूरी मिल गई है.
अदालत के समक्ष अपने प्रस्तुतिकरण में, वाजे ने आग्रह किया कि एनआईए की याचिका को खारिज कर दिया जाना चाहिए, क्योंकि वह निर्दोष है और पूरे मामले में फंसाया जा रहा है. वाजे ने अदालत से आग्रह करते हुए कहा, 'मुझे इस पूरी घटना में बलि का बकरा बनाया जा रहा है. अपराध से मेरा कोई लेना-देना नहीं है.' वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. एनआईए की ओर से नौ मार्च को जांच का जिम्मा संभाले जाने के चार दिनों बाद ही वाजे को गिरफ्तार कर लिया गया था. इस मामले के सामने आने के बाद से राजनीति गर्माई हुई है.
एनआईए ने इस मामले में गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंक संबंधी गतिविधियों को लेकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. यहां तक कि एजेंसी ने अब ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत से जुड़े मामले की जिम्मेदारी भी संभाल ली है. विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो के मालिक और ठाणे के व्यवसायी हिरेन पांच मार्च को रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाए गए थे, जिसके बाद से यह मामला और भी गर्मा गया है.
HIGHLIGHTS
- वाजे पर कसता जा रहा है शिकंजा
- मनसुख की मौत में भी संलिप्तता
- अदालत ने हिरासत अवधि बढ़ाई