विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने चीन के साथ डाकोला में चल रहे विवाद को लेकर विपक्ष की भूमिका पर सवाल खड़ा किया है। विदेश मंत्री ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कहा कि विरोधी दल के नेता ने भारत सरकार से स्थिति के बारे में जानने के बजाय चीन के राजदूत को बुलाकर जानकारी मांगी।
स्वराज ने कहा कि कांग्रेस नेता को पहले सरकार से जानकारी लेनी चाहिए थी फिर चीन के राजदूत से बात करनी चाहिए थी। सभी नेता को धीरज और संयम बनाए रखना होता है। उन्होंने कहा कि भारत ने बातचीत के साथ शांति का माहौल स्थापित करने के लिए पूरी कोशिश की है।
एसपी (समाजवादी पार्टी) नेता रामगोपाल यादव का जवाब देते हुए विदेश मंत्री ने कहा, 'युद्ध से समाधान नहीं निकलता। सभी नेता को धीरज और संयम बनाए रखना होता है धैर्य और भाषा संयम और रणनीतिक रास्तों से हल निकालने की कोशिश की जा रही है।'
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गौरतलब है कि भारत तथा चीन के बीच सिक्किम में जारी गतिरोध के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के भारत में राजदूत लिओ झाओहुई से मुलाकात की थी। इस बारे में चीनी दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी देते हुए लिखा कि 8 जुलाई को राजदूत लिओ झाओहुई राहुल से मिले और दोनों के बीच भारत चीन संबंधों पर बात हुई। लेकिन बाद में वेबसाइट ने इस बयान को हटा लिया।
सुषमा स्वराज ने चीन मुद्दे पर भारत का स्टैंड साफ करते हुए कहा कि भारत इसके हल के लिए प्रयास कर रहा है। वहीं पाकिस्तान के मुद्दे पर विपक्ष के सवालों को जवाब देते हुए कहा कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकती। पाकिस्तान ने हाल में अपने स्टैंड में बदलाव किया है।
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Source : News Nation Bureau