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Narendra Modi Oath Ceremony: 25 की उम्र में मंत्री बनीं सुषमा स्वाराज के बेहतरीन राजनीतिक सफर की कहानी

PM Narendra Modi Oath Taking Ceremony Live Updates: सुषमा स्वराज के राजनीतिक करियर में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब उन्हें साल 1999 में सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी से चुनावी मैदान में उतारा गया

Updated on: 30 May 2019, 06:42 PM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के शपथग्रहण समारोह की पूरी तैयारी हो चुकी है. जिन सासंदों को पीएम मोदी की सरकार में मंत्री पद की जिम्मेदारी दी जाएगी उनको पीएमओ की तरफ से फोन आने भी शुरू हो गए हैं. इस लिस्ट में सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का नाम भी शामिल है जो पिछले कार्यकाल में विदेश मंत्री रह चुकी हैं.

विदेश मंत्री रहते हुए लोगों के बीच बनाई खास जगह

विदेश मंत्री रहने के दौरान सुषमा स्वराज कई लोगों की मदद की. ये वो लोग थे जो ट्विटर पर उनसे मदद मांगते थे, फिर वो चाहे पाकिस्तान के हों या किसी और देश के, सुषमा स्वराज कभी किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटी. उन्होंने इसी वजह से लोगों के बीच एक खास जगह बनाई. वैसे सुषमा स्वराज की राजनीतिक करियर की शुरुआत तो इमरजेंसी के दौरान ही हो गई थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर राजनीति में उनकी एंट्री तब हुई जब 1977 में वो हरियाणा की विधायक बनी और इसी साल उन्हें हरियाणा सरकार में श्रम मंत्री बना दिया गया. वो इस पद पर 1979 तक रही. जिस वक्त उन्हे श्रम मंत्री बनया गया, उनकी उम्र 25 साल थी. ऐसे में उन्होंने उस समय सबसे कम उम्र की मंत्री होने का रिकॉर्ड भी बनाया था. साल 1990 में वो पहली बार सांसद बनीं.

जब सोनिया गांधी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरी सुषमा स्वराज

सुषमा स्वराज के राजनीतिक करियर में सबसे बड़ा मोड़ तब आया जब उन्हें साल 1999 में सोनिया गांधी के खिलाफ बेल्लारी से चुनावी मैदान में उतारा गया. दरअसल बीजेपी बेल्लारी में विदेशी बहू के जवाब में भारतीय बेटी को चुनावी मैदान में उतारना चाहती थी. इसके लिए उन्हें सुषमा स्वराज का नाम सबसे सही लगा. हालांकि इस दौरान वो सोनिया गांधी चुनाव हार गई. इसके बाद साल 2000 में वो राज्यसभा सांसद चुनाई गई और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री बनी. इससे पहले साल 1996 में वाजयपेयी की 13 दिनों की सरकार में भी उन्हें सूचना प्रसारण मंत्री और 1998 में दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रह चुकी हैं.

साल 2000 के बाद से सुषमा स्वराज का राष्ट्रीय राजनीति में कद काफी ज्यादा बढ़ गया. एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें बीजेपी से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर देखा जाने लगा था. बाद में 2014 में जब बीजेपी की सरकार आई तब भी उन्हें सबसे अहम पदों में से एक विदेश मंत्री की जिम्मेदारी दी गई.

सुषमा स्वराज के नाम दर्ज कई रिकॉर्ड

इसके अलावा स्वराज के नाम कई उपलब्धियां भी दर्ज हैं. सबसे कम उम्र की मंत्री बनने के साथ ही उनके नाम सबसे कम उम्र में बीजेपी हरियाणा की अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड भी है. इसके अलावा सुषमा स्वराज के नाम भारत की किसी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी की प्रथम महिला प्रवक्ता बनने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. इनके अलावा भी ये बीजेपी की प्रथम महिला मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मन्त्री, महासचिव, प्रवक्ता, विपक्ष की नेता और विदेश मंत्री रह चुकीं हैं. ये भारतीय संसद की पहली और एकमात्र ऐसी महिला सदस्या हैं जिन्हें आउटस्टैण्डिंग पार्लिमैण्टेरियन सम्मान मिला है. इन्होंने चार राज्यों से 11 बार सीधे चुनाव लड़े हैं