भारत में महिलाओं की स्थिति केन्या से भी खराब, UNDP की रिपोर्ट में आया सामने
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारा दे रहे है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. भारत में महिलाओं की स्थिति बेहद ही खराब है.
नई दिल्ली:
भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' नारा दे रहे है, लेकिन हकीकत इससे बिल्कुल अलग है. भारत में महिलाओं की स्थिति बेहद ही खराब है. लैंगिक समानता के संबंध में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में महिलाओं की हालत इंडोनेशिया, केन्या, सेनेगल, कोलंबिया और अल सल्वाडोर से भी खराब है.
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम(UNDP) द्वारा तैयार रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में आर्थिक प्रगति के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी तेजी आई है. भारतीय महिलाओं में कुपोषण का स्तर बहुत ज्यादा है. इतना ही नहीं बाल विवाह और 18 साल की उम्र से पहले जबरन शादी के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है.
और पढ़ें : महिलाओं के लिए शिक्षा, आर्थिक स्वतंत्रता जरूरी : शबाना आजमी
रिपोर्ट की मानें तो भारत में रक्ताल्पता यानी एनीमिया से ग्रस्त महिलाओं की संख्या इंडोनेशिया, केन्या, सेनेगल, कोलंबिया और अल सल्वाडोर के मुकाबले दोगुनी है.
प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य सुविधाओं की गुणवत्ता, सशक्तिकरण और महिलाओं की आर्थिक स्थिति का पैमाने को आधार बनाते हुए भारत, इंडोनेशिया, केन्या, सेनेगल, अल सल्वाडोर और कोलंबिया में सर्वे कराया गया.
वहीं, सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि लैंगिक समानता के लिहाज से देखें तो 2018 में भारतीय संसद में महिलाओं की संख्या सबसे कम, महज 12 प्रतिशत है. सेनेगल के संसद में महिला प्रतिनिधियों की संख्या 42 प्रतिशत है.
और पढ़ें : World Heart Day: पुरुष ही नहीं महिलाओं में भी बढ़ रहा हार्ट अटैक का खतरा, ऐसे रखें दिल का ख्याल
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Rang Panchami 2024: आज या कल कब है रंग पंचमी, पूजा का शुभ मुहूर्त और इसका महत्व जानिए
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें ये 5 बड़ी बातें
-
Surya Grahan 2024: सूर्य ग्रहण 2024 किन राशि वालों के लिए होगा लकी
-
Bhavishya Puran Predictions: भविष्य पुराण के अनुसार साल 2024 की बड़ी भविष्यवाणियां