EVM-VVPAT Verification Case: EVM-VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, सभी याचिकाएं कीं खारिज

Surpeme Court Verdict On EVM VVPAT: देश में ईवीएम के जरिए होगा मतदान, शीर्ष अदालत ने ईवीएम वीवीपीएटी से जुड़ी सभी याचिकाओं को किया खारिज

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Dheeraj Sharma
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EVM VVPAT Verification Case

EVM-VVPAT Verification Case( Photo Credit : Social Media)

EVM-VVPAT Verification Case: देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट ने EVM VVPAT मामले में शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दाखिल सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है. यानी अब देश में ईवीएम के जरिए ही वोटिंग कराई जाएगी. कोर्ट ने ईवीएम और वीवीपैट वैरिफिकेशन की मांग वाली जितनी भी याचिकाएं दाखिल की गईं थीं उन सभी को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि चुनाव करवाना हमारा काम नहीं है. इसके साथ ही बैलेट पेपर के जरिए चुनाव कराए जाने की मांग को भी शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया है. 

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जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने सुनाया फैसला
ईवीएम वीवीपैट मामले में दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के बाद जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ की ओर से अहम फैसला सुनाया गया है. बता दें कि ये फैसला उस वक्त आया है जब देश में 18वीं लोकसभा के लिए दूसरे चरण का मतदान जारी है. इससे पहले सुनवाई के दौरान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की बेंच ने ईवीएम के जरिए वोट डाले गए वोटों का वीवीपीएटी के साथ वेरीफाई करने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

यह है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
देश की शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में साफ कहा है- 
- ईवीएम-वीवीपीएटी का 100 प्रतिशत मिलान नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही 45 दिन तक वीवीपैट की पर्ची सुरक्षित  रहेगी. 
- उन्होंने ये भी कहा कि ये पर्चियां प्रत्याशियों के साइन यानी हस्ताक्षर के साथ सुरक्षित रहेगी. 
- अदालत ने ये भी साफ किया चुनाव के बाद सिंबर लोडिंग यूनिटों को भी सील कर एक सुरक्षित स्थान पर रखा जाएगा. 
- कोर्ट के निर्देश के मुताबिक प्रत्याशियों के पास नतीजों की घोषणा के बाद टेक्निकल टीम की ओर से ईवीएम के माइक्रो कंट्रोलर प्रोग्राम की जांच कराने का ऑप्शन होगा. 
- हालांकि इसे उम्मीदवार को चुनाव की घोषणा के सात दिन के अंदर ही करने का मौका होगा. 

क्या है ईवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल
दरअसल देश में चुनाव के दौरान वीवीपैट वेरिफिकेशन के तहत संसदीय क्षेत्र की हर विधानसभा सीट के महज पांच वोटिंग सेंटर पर ईवीएम और वीवीपैट की पर्ची का मिलान होता है यानी वेरिफिकेशन होता है. इसी को लेकर याचिका दाखिल की गई थी कि सभी केंद्रों पर ईवीएम और वीवीपैट पर्ची का मिलान हो, इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया और अपना जवाब देने को कहा था. 

2013 में शुरू हुआ VVPAT का इस्तेमाल
भारत में वर्ष 2013 से ही VVPAT का उपयोग शुरू किया गया. इसकी शुरुआत नागालैंड विधानसभा चुनाव से हुई थी. इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में कुछ सीट पर इस मशीन का यूज किया गया था. वहीं गोवा में हुए 2017 के विधानसभा चुनाव में सभी सीटों पर वीवीपीएटी का इस्तेमाल हुआ. लेकिन 2019 पहली बार लोकसभा की सभी सीटों पर VVPAT को उपयोग में लाया गया. करीब 17 लाख वीवीपीएटी इस्तेमाल किए गए थे. 

Source : News Nation Bureau

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