इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में शामिल मिराज 2000 डीप पेनिट्रेशन स्ट्राइक एयरक्राफ्ट यानी लड़ाकू विमान है. यानि ये भीतर तक जाकर टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता रखता है. यह एयर टू सर्फेस मिसाइल कैरी कर सकता है. वह मिसाइल जो हवा से जमीन पर मार कर सकती है. मिराज में 9 हार्ड प्लाइंट होते हैं, यानी यह 9 प्वाइंट पर हथियार ले जा सकता है. इसको रडार भी आसानी से पकड़ नही सकता है.
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80 के दशक का मिराज 2000 इंडियन एयरफोर्स बेड़े में शामिल सबसे अच्छा लड़ाकू विमान है. मिराज भी उसी दसॉ एविएशन का बनाया है जो रफाल फाइटर एयरक्राफ्ट बना रहा है. मिराज इंडियन एयरफोर्स के अलावा फ्रांस, यूएई और चीन के एयरफोर्स बेड़े में भी शामिल है.
मिराज एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म है. इस कार्रवाई में अकेले मिराज ने हिस्सा नहीं लिया था, बल्कि डीआरडीओ के बनाए गए मिनी अवाक्स भी था, जो करीब 200 किलोमीटर दूर तक हर हरकत पर नजर रख सकता है. साथ में हवा में ईंधन भरने वाला एयर टू एयर रीफ्यूल भी था. करगिल युद्ध के समय भी मिराज ने बिना एलओसी क्रॉस किए पाकिस्तानी में मौजूद आतंकी कैंपों को तबाह किया था. एक और खास बात करगिल जंग के दौरान जो मिग 21 के कमांडिंग ऑफिसर थे वो आज वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोवा है. इन्होंने उस वक्त मिग 21 से पाक घुसपैठियों को निशाना बनाया था.
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गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना ने जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर 21 मिनट कर बमबारी की. इस 21 मिनट में 12 मिराज ने पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में 1000 किलो बम बरसाए. सूत्रों के अनुसार, इस हमले में करीब 300 आतंकी मारे गए. भारतीय वायुसेना ने बालाकोट और मुजफराबाद सेक्टर में यह हमला किया. जानकारी के मुताबिक भारतीय वायुसेना की ओर से 1000 किलो बम का इस्तेमाल किया गया है.
Source : News Nation Bureau